दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और यह जल्द ही पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

वह दक्षिण कोरिया में भारत-कोरिया व्यापार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। मोदी ने कहा कि भारत अब पहले से अधिक खुली अर्थव्यवस्था है। पिछले चार साल में देश में 250 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई और बड़ी अर्थव्यवस्था इस तरह साल दर साल सात फीसदी की वृद्धि दर से नहीं बढ़ी है। आर्थिक सुधारों की बदौलत विश्व बैंक की कारोबार सुगमता सूची में बड़ी छलांग लगाते हुए भारत 77वें स्थान पर पहुंच गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि अगले साल तक उन्होंने भारत को शीर्ष 50 कारोबार सुगमता वाले देशों की सूची में शामिल कराने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम सहयोग की प्रणाली उपलब्ध कराना है। भारत अवसरों की भूमि के तौर पर उभरकर सामने आया है।

पीएम ने कहा कि भारत में व्यापार को लेकर अपार संभावनाएं हैं क्योंकि यह एक बड़े बदलाव से गुजर रहा है। वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में हम सालों से 77वें पायदान से 65वें पायदान पर पहुंच गए हैं।

उन्होंने कहा कि 99 फीसदी हाउस होल्ड के पास इस वक्त खुद का बैंक अकाउंट है। भारत संभावनाओं की भूमि के तौर पर उभरा है। जब हम साथ काम करते हैं तो सपने साकार करने की दिशा में काम करते हैं, हम समान विचार वाले सहयोगियों की तलाश करते हैं। हम दक्षिण कोरिया को वास्तव में स्वाभाविक भागीदार के रूप में देखते हैं।

प्रधानमंत्री ने रवानगी से पहले दक्षिण कोरिया को ‘मेक इन इंडिया’ जैसी भारत की अहम पहलों में एक महत्वपूर्ण सहयोगी बताया था। उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र के साथी के रूप में भारत और दक्षिण कोरिया विश्व शांति के लिए साझा मूल्य और दृष्टिकोण साझा करते हैं।