नयी दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच जारी विवाद को बढ़ते देखकर विमानन कंपनियों ने टिकटों के दाम दोगुने से अधिक का इजाफा कर दिया है, जिससे कई भारतीय छात्र संकट के इस दौर में भी यूक्रेन में रहने को मजबूर हैं। विदेश मंत्रालय ने कुछ समय पहले यूक्रेन संकट को देखते हुए वहां रह रहे भारतीयों को स्वदेश वापस लौटने का परामर्श जारी किया था।

फ्लाइट टिकट की आसमान छूती कीमत के कारण भारतीय छात्र विदेश मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श के बावजूद यूक्रेन में रहने के लिए मजबूर हैं। आम दिनों में फ्लाइट टिकट का दाम 21 से 26 हजार रुपये के बीच होता था लेकिन अभी इनकी कीमत 50 से 70 हजार रुपये के बीच है।

यूक्रेन की राजधानी कीव में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे एक भारतीय छात्र ने मीडिया से कहा है कि ट्रैवेल एजेंट इस मौके का लाभ उठा रहे हैं। छात्र ने कहा,हमारे पास इतना पैसा नहीं है। रूस-यूक्रेन विवाद की खबरों ने उन्हें टिकट के दाम बढ़ाने का मौका दे दिया है। विमानन कंपनियों ने संकट की स्थिति का हवाला देकर टिकट के दाम बढ़ा दिये हैं। अब ऐसी स्थिति में हम क्या कर सकते हैं। हम इतनी कीमत नहीं दे सकते हैं।

एक अन्य छात्र ने कहा, भारतीय दूतावास ने परामर्श जारी किया है कि हम अस्थायी रूप से देश को छोड़ दें, लेकिन कैसे, यही सवाल है। इसका जवाब उन्होंने नहीं दिया है।

विदेश मंत्रालय ने एक हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी जारी की है ताकि यूक्रेन में रहने वाले भारतीय नागरिक जरूरत पड़ने पर दूतावास से संपर्क स्थापित कर सकें।

यूक्रेन में करीब 18,000 भारतीय छात्र हैं, जिनमें से अधिकतर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। यूक्रेन की दवा , सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा आदि क्षेत्र में काफी संख्या में भारतीय काम कर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2001 में यूक्रेन में इंडिया क्लब की स्थापना की गयी थी और इस क्लब में कई सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रम आयोजित होते हैं। क्लब में क्रिकेट टूर्नामेंट भी होता है।

यूक्रेन में रह रहे गुजरात के छात्रों के माता पिता का एक प्रतिनिधिमंडल इसी बीच मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से मिला और अपने बच्चों को सुरक्षित वापस लाने मे मदद की गुहार की।