नई दिल्ली। भारत ‘वंदे भारत’ ट्रेनों के निर्यात की योजना पर काम कर रहा है. भारतीय रेलवे से ‘वंदे भारत’ के संबंध में चिली सहित अन्य कई देशों से जानकारी मांगी जा रही है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ग्लोबल बिजनेस समिट में कहा. इसे भी पढ़ें : पाॅवर सेंटर : किस्सा ए बंगला.. लाॅटरी..बाबा की शरण..निशाने पर ‘कलेक्टर’..नियुक्ति पर नाराज..ढाबा में बवाल..- आशीष तिवारी

रेल मंत्रालय सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की इकाइयों के साथ स्वदेशी डिजाइन और क्षमता के साथ ट्रेन के लिए अपनी कार्यशालाओं में कई प्रकार के कलपुर्जे के निर्माण के लिए क्षमता विकसित कर रहा है. अश्विनी वैष्णव ने कहा, ”हमारे देश में वंदे भारत को विकसित करना चुनौती थी. इंजीनियरों ने चुनौती को बहुत अच्छी तरह से लिया है. मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आने वाले वर्षों में हम इस ट्रेन का निर्यात शुरू कर देंगे.”

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नई दिल्ली-मुंबई और नई दिल्ली-हावड़ा मार्गों पर ट्रेनों की गति 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाने के प्रयासों के साथ वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़कर 82 हो गई है. वैष्णव ने कहा कि 31 जनवरी 2024 तक, देश भर में 82 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चालू हैं, जो राज्यों को ब्रॉड गेज (बीजी) विद्युतीकृत नेटवर्क से जोड़ती हैं.

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इसके अलावा, ट्रेन सेवाओं के ठहराव का प्रावधान और वंदे भारत सहित नई ट्रेन सेवाओं की शुरुआत, परिचालन व्यवहार्यता, यातायात औचित्य, संसाधन उपलब्धता आदि के अधीन भारतीय रेलवे पर चल रही प्रक्रियाएं हैं.