हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) शहर में यातायात पुलिस ने रोको-टोको (Roko Toko) अभियान का आगाज किया है। इस बीच हेलमेट ना लगाने के लोगों ने सिर में दर्द, बाल झड़ना, सिर में खुजली जैसे कई बहाने बनाए। पुलिस ने हेलमेट लगाने का निवेदन किया। साथ ही हेलमेट लगाने वालों का सम्मान किया। यातायात की मुहिम हर मंगलवार सुबह 9.00 बजे से 11.00 बजे तक जारी रहेगी। लल्लूराम डॉट कॉम की जनता से अपील है कि सुरक्षा कवच हेलमेट लगाएं और सुरक्षित रहे।

दरअसल, इंदौर स्वच्छता में लगातार 6वीं बार नंबर वन का परचम लहरा चुका है। इंदौर को यातायात में कैसे नंबर वन बनाया जाए इसको लेकर लगातार यातायात विभाग अलग-अलग मुहिम चलाता नजर आ रहा है। इसी कड़ी में इंदौर यातायात विभाग ने रोको-टोको अभियान के माध्यम से गलियों में घर से निकलते ही लोगों को रोकना और ठोकना शुरू कर दिया है । जैसे ही व्यक्ति घर से ऑफिस जाने के लिए निकलता है। वैसे ही यातायात पुलिस घर के बाहर हेलमेट पहनकर निकलने की हिदायत देती है। बिना किसी चालानी कार्रवाई के सुबह 9.00 बजे से 11.00 बजे तक हर मंगलवार को इंदौर में रोको-टोको अभियान शुरू किया है।

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628 लोगों को रोका

अभियान के तहत आज तीसरे मंगलवार को 628 लोगों को रोक गया और उन्हें समझाइश दी गई। घर से निकलने के पहले हेलमेट लगाकर ही बाहर निकले। हेलमेट ना लगाने वालों को वापस अपने घर तक यातायात विभाग पुलिस ने पहुंचाया। अभियान खत्म होने के बाद यातायात पुलिस क्षेत्र के रहवासियों के इस सहयोग का धन्यवाद करते हुए एक धन्यवाद रैली निकालती है। क्षेत्र के सभी रहवासियों का अभियान में जो सहयोग मिलता है। उस का आभार व्यक्त कर अभियान को समाप्त किया गया।

डीसीपी यातायात मनीष अग्रवाल ने बताया कि चालानी कार्रवाई एकमात्र विकल्प नहीं है। लोगों को जागरूक करना पुलिस का कर्तव्य है। चौराहे पर जब भी चेकिंग अभियान या कोई अभियान चलाया जाता है, तब तक व्यक्ति घर से दूर निकल चुका होता है। इस अभियान को शहर की उंगलियों में चलाया जाए, लोग अपने घरों से बाहर निकलकर दफ्तर के लिए रवाना होते हैं, तभी व्यक्ति घर जाकर अपना हेलमेट पहनकर ऑफिस के लिए निकलेगा तो उसकी आदत बन जाएगी। इस आदत को बनाने के लिए यातायात विभाग ने रोको-टोको अभियान शुरू किया है। अभियान में यातायात विभाग का पूरा अमला इंदौर के अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंचता है और लोगों को यातायात के लिए जागरूक करता है।

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हेलमेट है जीवन रक्षक कवच

एनसीआर की रिपोर्ट में एक्सीडेंट से होने वाली मौत के आंकड़ों में ज्यादातर मौतें हेड इंज्यूरी से होना बताया गया है। जब भी व्यक्ति के सर में कोई गंभीर चोट आती है तो जान बचाने की संभावनाएं काफी कम हो जाती है। ऐसे में अगर सिर पर रक्षा कवच या हेलमेट मौजूद रहता है तो हेड इंज्यूरी से बचा जा सकता है। जिससे एक्सीडेंट में होने वाले मौत के आंकड़े में भी कहीं ना कहीं कमी आएगी। हेलमेट की मुहिम और लोगों की सुरक्षा के लिए लल्लूराम डॉट कॉम की टीम का लोगों से अपील है कि जब भी अपने घर से दफ्तर के लिए या बाइक पर कहीं जाने के लिए निकले तो अपने आप सुरक्षा कवच हेलमेट हमेशा लगाकर निकले आपका जीवन अमूल्य है।

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हेलमेट नहीं लगाने के लिए कई बहाने

रोको-टोको अभियान के समय यातायात पुलिस के सामने जिन लोगों ने हेलमेट नहीं लगाए उन्होंने कई बहाने बनाए। जैसे कि बालों का झड़ना, सर में खुजली होना, चक्कर आना जैसे कई बहाने यातायात पुलिस के सामने लोगों ने बनाए। लेकिन यातायात पुलिस ने लोगों को समझाइश दी। हेलमेट लगाने से उनका जीवन सुरक्षित रहता है। अगर कोई दुर्घटना होती है तो हेड इंज्यूरी नहीं होती। जिससे व्यक्ति सुरक्षित रहता है। लेकिन लोग लगातार यातायात विभाग के अभियान को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे । यातायात विभाग के डीसीपी मनीष अग्रवाल का मानना है। अभियान लगातार जारी रखा जाएगा इस अभियान के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम जारी रहेगा।

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