हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में बीजेपी के महापौर प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव की जीत हुई है। पुष्यमित्र ने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार संजय शुक्ला को 1 लाख 33 हजार 497 वोटों से हरा दिया है। पुष्पमित्र भार्गव को 592519+1337(डाक मतपत्र) मत मिले, जबकि संजय शुक्ला को सिर्फ 459562+797 (डाक मतपत्र) वोट ही मिले। वहीं जीत के बाद महापौर प्रत्याशी पुष्पेंद्र भार्गव ने कहा कि वो विकास के कार्यों पर लगातार काम करेंगे।

वहीं पुष्यमित्र भार्गव के साथ प्रमाण पत्र लेने पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय कहा कि मुझे अंदाज था। मैने हर बार से थोड़ी ज्यादा मेहनत की थी। मैं वार्डों में, गली में खूब गया था। 85 वार्ड में से लगभग 60 वार्डों में गया था। तो मुझे पता था 60 से ज्यादा पार्षद जीतेंगे और डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से महापौर जीतेंगे। इसके साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि दो तिहाई बहुमत से विधानसभा भी जीतेंगे।

कौन हैं पुष्यमित्र भार्गव ?

पुष्यमित्र भार्गव का जन्म एक जनवरी 1982 में हुआ था। उन्होंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, स्कूल ऑफ लॉ इंदौर से B.A.LL.B, Business Law से LL.M और M.Phil किया है। साथ ही, गवर्नमेंट लॉ कॉलेज मुंबई (एशियन स्कूल ऑफ साइबर लॉ) से Diploma in Cyber Law और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication में Certificate Course किया है। अभी वो मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय (इंदौर खंडपीठ) में अतिरिक्त महाधिवक्ता हैं।

कार्यानुभव –

• वर्ष 2003 से 2004 तक मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के इंदौर खण्डपीठ में वरिष्ठ अधिवक्ता पीयूष माथुर (पूर्व न्यायाधीश, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय) के साथ एक प्रशिक्षु अधिवक्ता के रूप में कार्य किया।

• मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, इंदौर खण्डपीठ में वर्ष 2015-2018 तक सबसे युवा उप-महाधिवक्ता के पद पर दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वाहन किया।

• 06.06.2020 से मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, इंदौर खण्डपीठ में सबसे युवा अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद पर कार्यरत |

• मध्यप्रदेश और उत्तर पूर्व के अनेक सुदूरवर्ती गांवों में कानूनी साक्षरता शिविरों का कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया।

राजनैतिक उपलब्धियां-

शुरू से ही राष्ट्रसेवा और राष्ट्रप्रेम की विचारधारा के कारण विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से आत्मीय जुड़ाव जिसमे निष्ठापूर्वक सेवा करते हुए एक सदस्य से लेकर महाविद्यालय और विश्वविद्यालय अध्ययनशाला के अध्यक्ष पद पर रहते हुए इंदौर की तरुणाई को संगठन से जोड़ने के दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री के रूप में गोवाहाटी में 2005 से 2007 तक युवाओं में ना केवल राष्ट्रवाद की विचारधारा को जगाया, बल्कि युवाओं के एक विशाल जनसैलाब को ABVP का सदस्य बनाकर असम में परिषद का झंडा बुलंद किया।

ABVP के इंदौर संयोजक और मध्यभारत प्रान्त SFD प्रमुख के रूप में इंदौर विश्वविद्यालय में ABVP की नींव मजबूत करने के लिए शैक्षणिक संस्थाओं में छात्र-छात्राओं को ABVP से जोड़ने की कठिन चुनौती को पूर्ण काम किया।

सेवा सम्मान उपलब्धियां

  • विश्वविद्यालय स्तर पर अखिल भारतीय वाद-विवाद स्पर्धाओं में
  • देश के सर्वश्रेष्ठ वक्ता के सम्मान से सम्मानित।
  • कौटिल्य अकादमी द्वारा राष्ट्रीय विधिज्ञ ज्ञान पुरस्कार से सम्मानित।

नवनिर्वाचित पार्षदों की लिस्ट यहां देखें

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