नई दिल्ली। भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ को लेकर ISRO की सक्रियता तेज होती जा रही है. टेस्ट रॉकेट के साथ चार अबॉर्ट मिशनों में से पहला – गगनयान मिशन इसी साल मई में निर्धारित किया गया है. सरकार की ओर से लोकसभा में बताया गया कि पहला परीक्षण यान मिशन (Test Vehicle), TV-D1, मई 2023 में योजनाबद्ध है. इसके बाद दूसरा परीक्षण यान TV-D2 मिशन और 2024 की पहली तिमाही में होगा, जो गगनयान (LVM3-G1) का पहला मानव रहित मिशन है.

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि अगली योजना, रोबोटिक पेलोड के साथ टेस्ट व्हीकल मिशन (TV-D3 और D4) और LVM3-G2 मिशन की बनाई गई है. सफल परीक्षण यान और चालक दल मिशनों के परिणामों के आधार पर 2024 के अंत तक चालक दल मिशन भेजने की योजना बनाई गई है. उन्होंने बताया कि 30 अक्टूबर, 2022 तक गगनयान कार्यक्रम के लिए कुल 3,040 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, और मानव-रेटेड लॉन्च व्हीकल सिस्टम (HLVM3) का परीक्षण और योग्यता प्रमाणित है.

तैयार हुआ क्रू मॉड्यूल स्ट्रक्चर

सिंह ने बताया कि उच्च मार्जिन के लिए सभी प्रणोदन प्रणालियों (Propulsion System) का परीक्षण पूरा हो गया है. क्रू एस्केप सिस्टम के प्रदर्शन के लिए परीक्षण यान टीवी-डी1 मिशन तैयार किया गया है, और पहली उड़ान के लिए मंच तैयार किया गया है. टीवी-डी1 मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल स्ट्रक्चर तैयार हो चुका है. सभी क्रू एस्केप के स्थिर परीक्षण सिस्टम मोटर्स को पूरा कर लिया गया है. बैच टेस्टिंग प्रगति पर है.

क्या है गगनयान मिशन

बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल ही गगनयान प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ रुपए जारी किए थे. यह भारत का इकलौता मानव अंतरिक्ष मिशन है. गगनयान स्पेस फ्लाइट मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजा जाएगा. गगनयान मिशन के तहत ISRO अंतरिक्षयात्रियों को पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में यात्रा कराएगा. इस मिशन के लिए ISRO ने भारतीय वायुसेना से अंतरिक्षयात्री चुनने के लिए कहा था.

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