गुजरात में दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर बन रहा है. 504 फीट ऊंचे मंदिर में 51 फीट की ऊंचाई पर माता की प्रतिमा लगाई जाएगी. 2026 में मंदिर में उमिया माता की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसके बाद यह लोगों को लिए खोला जाएगा. सरदार पटेल रिंग रोड पर वैष्णो देवी सर्कल के पास विश्व उमिया फाउंडेशन द्वारा बनाए जाने वाले विश्व के सबसे ऊंचे और भव्य उमिया माताजी के मंदिर में 51 फीट की ऊंचाई पर माता की प्रतिमा लगाई जाएगी. 1500 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह मंदिर 504 फीट ऊंचा और 400 फीट लंबा होगा.

कई मायनों में खास होगा यह मंदिर

इसकी डिजाइन को जर्मन और भारतीय आर्किटेक्ट ने मिलकर तैयार किया गया है. उमियाधाम संस्था के मुताबिक, मंदिर में 1440 पिलर लगाए जाएंगे. यह अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा. इससे पहले सरदार पटेल के दुनिया के सबसे ऊंचे स्टैच्यू में 800 पिलर्स का इस्तेमाल किया गया था. Read More – Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah में जल्दी हो सकती है नई दयाबेन की एंट्री, जानिए कौन होंगी एक्ट्रेस …

‘हुं पण पायानो पिल्लर’ का अभियान जारी

मंदिर में निर्माण के बीच इन दिनों एक अभियान चल रहा है, जिसका नाम है ‘हुं पण पायानो पिल्लर’. इस अभियान के तहत कोई भी इंसान 11 लाख रुपए का दान देकर अपने नाम का पिलर बनवा सकता है. अब तक 400 से अधिक लोग इस अभियान से जुड़ चुके हैं. इनमें पाटीदार और समाजों के साथ एनआरआई भी शामिल हैं.

400 फीट की ऊंचाई से देख सकेंगे पूरा अहमदाबाद

इस मंदिर में 400 फीट की ऊंचाई पर व्यूइंग गैलरी बनेगी, जहां से पूरे अहमदाबाद को निहारा जा सकेगा. उमियाधाम संस्था के मुताबिक, मंदिर को पूरा बनने के बाद जर्मनी की टीम यहां आएगी और जांचेगी कि मंदिर कितना मजबूत बना है. इसके लिए बकायदा टेस्टिंग की जाएगी. 6 महीने चलने वाली इस जांच प्रक्रिया के बाद ही मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जा सकेगी. Read More – Live Concert में Sonu Nigam के साथ हुई हाथापाई, MLA के बेटे के खिलाफ केस दर्ज, सिंगर ने खुद बताया पूरा वाकया …

1 लाख भक्तों को एक साथ दर्शन, न लाइन, न धक्का-मुक्की

खास बात है कि इस मंदिर में दर्शन के लिए न तो लाइन लगेगी और न ही धक्का-मक्की होगी. इसके अलावा यहां वीईपी पास बनाने की भी कोई व्यवस्था नहीं होगी. श्रद्धालुओं को मंदिर में ले जाने के लिए एस्केलेटर का इस्तेमाल किया जाएगा, जो उन्हें सीधे गर्भगृह तक पहुंचाएगा. इसकी स्पीड भी तय होगी. इसे इतनी स्पीड में चलाया जाएगा कि श्रद्धालु 2 मिनट के अंदर गर्भगृह में पहुंचें और मां के दर्शन कर सकें. 1 लाख भक्त एक साथ दर्शन कर सकेंगे. यहां के परिसर में आरोग्यधाम नाम से अस्पताल बनाएगा. यह मंदिर गुजरात में टूरिज्म सेक्टर को बूस्ट करेगा और विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा.

उमिया माता किसकी कुलदेवी है?

सती ने अग्निकुंड में जाने से पहले यह कामना की थी कि दूसरे अवतार में भी उन्हें पति के रूप में भगवान शिव ही मिलें. जिसके बाद राजा हिमालय के घर दोबारा सती दूसरे रूप में अवतार लीं. सती के दूसरे अवतार को उमा के रूप में जाना गया. कठिन तप के बाद उमा की शादी शिव से साथ हुई. बाद में उमा को माता उमिया के नाम से जाना गया. मां उमिया को माता अन्नपूर्णा का अवतार कहा जाता है. गुजरात के मेहसाना जिले के उंझा में स्थित उमिया मन्दिर कुर्मी, पटेल, पाटीदार समाज की कुलदेवी का मंदिर है.