शिवम मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड के पांच आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट से मोहलत मिलने के बाद आज रायपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. मामले में दो आरोपियों ने पहले सरेंडर किया था. वहीं आज मेयर एजाज ढेबर के भाई याह्या ढेबर के सरेंडर के बाद तत्कालीन सीएसपी अमृतसिंह गिल, तत्कालीन थाना प्रभारी वी के पांडे, तत्कालीन क्राइम ब्रांच अधिकारी आर सी त्रिवेदी सहित सूर्यकांत तिवारी ने सरेंडर किया है. सभी ने विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी की कोर्ट में सरेंडर किया है. सभी को जेल में दाखिल करने की तैयारी की जा रही है.

मामले में अब तक 7 दोषी चिमन सिंह, विनोद सिंह राठौर, सूर्यकांत तिवारी, याह्या ढेबर, पुलिस अधिकारी आर सी त्रिवेदी, अमृतसिंह गिल और वी के पांडे समेत कुल 7 दोषियों ने सरेंडर किया है.

जग्गी हत्याकांड मामले के 27 दोषी 15 अप्रैल को रायपुर जिला कोर्ट में सरेंडर करने वाले थे लेकिन उससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने रायपुर मेयर एजाज ढेबर के भाई याहया ढेबर समेत अन्य को राहत देते हुए सरेंडर के लिए तीन हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया था. जानकारी के मुताबिक जस्टिस एसवीएन भाटी की बेंच ने यह आदेश पारित किया था.

2003 में हुई थी रामावतार जग्गी की हत्या

4 जून 2003 को एनसीपी नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 31 अभियुक्त बनाए गए थे, जिनमें से दो विक्रम शर्मा उर्फ बल्टू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे. 29 आरोपितों पर केस चला. इस मामले के मुख्य आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को छोड़कर शेष 27 आरोपितों को उम्रकैद की सजा हुई थी. उम्रकैद की सजा पाने वालों में 2 तत्कालीन CSP और एक तत्कालीन थाना प्रभारी के अलावा रायपुर मेयर एजाज ढेबर के भाई याह्या ढेबर और शूटर चिमन सिंह भी शामिल हैं.