जयपुर. कारागार मंत्री टीकाराम जूली ने विधानसभा में कहा कि प्रदेश की 9 विभिन्न जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता बनाने के लिए मोबाइल जैमर प्रणाली को अपग्रेड किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय इन जेलों में 64 जैमर लगाए गए थे। लेकिन ये जैमर थ्री-जी प्रणाली के थे। अब इन्हें अपग्रेड कराकर नई टैक्नोलॉजी के जैमर लगाए जा रहे हैं।

कारागार मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जो कारागृह आबादी क्षेत्र में आ गए हैं, उन्हें शिफ्ट करने की योजना भी बनाई जा रही है।

कारागार मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में 10 मोबाइल बरामद हुए थे। इन प्रकरणों में दोषी कार्मिकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की गई है। कारागार मंत्री ने बताया कि जेलों में मोबाइल, सिम एवं अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद होने के प्रकरणों में 16 सीसी एवं 17 सीसी के तहत 35 कार्मिकों को चार्जशीट दी गई हैं। साथ ही विगत एक वर्ष में जेलों में सघन तलाशी का विशेष अभियान चलाया गया है। इससे वर्ष 2019 में जहां जेलों में 3700 जांच हुई थी। वहीं वर्ष 2022 में 8 हजार जांचें की गई हैं।

इससे पहले विधायक कालीचरण सराफ के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कारागार मंत्री ने अवगत कराया कि कारागृहों के आसपास ऊंची इमारतों का निर्माण होने के कारण निषिद्ध वस्तुओं को कारागृहों में फेंक दिए जाने, बंदियों के परिजनों अथवा साथियों द्वारा निषिद्ध सामग्री अन्दर फेंके जाने, पेशी के दौरान बंदियों को लाने एवं ले-जाने, कारागृहों में प्रतिदिन आवश्यक सामान के लाने सहित अन्य कारणों से प्रदेश के कारागृहों में मोबाइल हैण्ड सैट, सिम एवं अन्य आपत्तिजनक सामग्री मिलने के प्रकरण आते हैं। उन्होंने विगत तीन वर्षों में प्रदेश की जेलों के निरीक्षण संबंधी वर्षवार विवरण एवं इस अवधि में कैदियों के पास से बरामद वस्तुओं एवं उनकी मात्रा का वर्षवार विवरण सदन के पटल पर रखा।

श्री जूली ने बताया कि कारागृहों में आपत्तिजनक सामग्री के मिलने की घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस एवं जेल प्रशासन द्वारा समय-समय पर संयुक्त रूप से तलाशी ली जा रही है। कारागृह प्रभारियों द्वारा कारागृहों की नियमित रूप से तलाशी ली जा रही है।

उन्होंने बताया कि कारागृहों की तलाशी के लिए आधुनिक उपकरणों को क्रय कर उनका उपयोग किया जा रहा है। कार्मिकों की मिलीभगत पाये जाने पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल लाई जाती है। साथ ही जिन बंदियों के पास से निषिद्ध सामग्री बरामद होती है, उनके विरूद्ध एफआईआर भी दर्ज करायी जाती है। बंदियों को वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।

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