जशपुर।  जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर ने नेशनल हाईवे की दुर्दशा के लिए नेशनल हाईवे के अधिकारियो को जिम्मेदार बताते हुए उन्हें आगामी 13 सितम्बर को राष्ट्रीय राजमार्ग को दुरुस्त कर आवागमन के लायक बनाने के सख्त निर्देश दिए है. कोर्ट ने कहा है कि निर्धारित दिवस तक सड़क को दुरुस्त कर नेशनल हाईवे के अधिकारी कोर्ट में पालन प्रतिवेदन पेश करे.

इस मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता सत्यप्रकाश तिवारी ने “लल्लूराम” को बताया कि पिछले 3 वर्षों से जशपुर जिले का राष्ट्रीय राजमार्ग 78 की जीर्णता के चलते इस मार्ग से आना जाना लोगो को काफी मुश्किल हो गया था. हाईवे को दुरुस्त करने के लिए कई बार आमलोगों ने आवाज उठाई लेकिन कोई असर नही हुआ आखिरकार लोगों को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी. इस मामले में  सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत जिला एवं सत्र न्यायालय में वाद पेश किया गया था.

इस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एम आर देशपांडे  को हाईवे की तथ्यात्मक जांच हेतु कमिश्नर नियुक्त किया था. देशपांडे ने कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए निश्चित समय के भीतर हाईवे की जांच प्रतिवेदन और बदहाल सड़क की तथ्यात्मक तस्वीर कोर्ट को पेश कर दिया. जिसके बाद कोर्ट इस मामले में और भी ज्यादा हो गया.

न्यायालय ने इस मामले में आख़िरकार फैसला सुनाते हुए 13 सितम्बर तक हाईवे दुरुस्त करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में शासन  की और से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता श्याम सहाय ने कहा कि लोकहित के मामले में शासन पूरी तरह गम्भीर है और ऐसे मामलो में किसी भी सूरत में कोई समझौता किया जाएगा.

गौरतलब है कि एक सप्ताह पूर्व जशपुर कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने भी एन एच के अधिकारियों का क्लास लेकर नेशनल हाइवे 78 की दुर्दशा पर जमकर फटकार लगायी थी और उन्हें तत्काल ठीक करने के आदेश दिए थे. बहरहाल कोर्ट के फैसले के बाद एन एच 78 से आवागमन करने वाले लोगो को राहत मिली है.