जशपुर। जशपुर जिले का स्वास्थ्य विभाग कब अपनी कारिस्तानियों से बाज आएगा यह कह पाना मुश्किल है. यहां हर रोज विभाग नए नए कारनामो को अंजाम दे रहा है. जिसके चलते आम लोगो का स्वास्थ्य सुधरने के बजाय बदतर होती जा रही है. इस बार एक स्वस्थ दंप्पति को सरकारी अस्पताल के द्वारा एचआईवी पॉजिटिव रिपोर्ट थमाने के चलते यह विभाग सुर्ख़ियों में है.

इस रिपोर्ट के चलते पूरा परिवार कई दिनों तक मानसिक रुप से प्रताड़ित रहा, पूरे इलाके में बदनामी हो गई. बताया जाता है कि मातृत्व सुरक्षा सप्ताह के दौरान बीते 9 अगस्त को गर्भ जांच कराने आयी एक महिला को जिले के रनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने एचआईवी पॉजिटिव की रिपोर्ट थमा दी. वहाँ मौजूद अन्य मरीजो के सामने ही महिला का काउंसलिंग शुरु कर दी. बाद में महिला के पति को भी बुलाया गया और जब उसकी भी जाँच की गयी तो वह एचआईवी पॉजिटिव निकला.

पीड़ित दम्पत्ति ने बताया कि वे साधारण जांच के लिए अस्पताल गये थे और जब उसकी जाँच हुई तो उन्हें एचआईवी का मरीज बताकर सभी के सामने उससे पुराने-नए रिश्तों की जानकारी ली जाने लगी. पति 2 दिन बाद अस्पताल पहुचा और जब उसकी भी जांच की गयी तो अस्पताल ने उसे भी एचआईवी पॉजिटिव बताया.

महिला ने बताया कि डॉक्टर द्वारा दी गयी रिपोर्ट में  एचआईवी पॉजिटिव लिख दिया गया और उनसे कई तरह के सवाल पूछे गए. थोड़े ही समय में यह बात पुरे इलाके में फ़ैल गयी और उनका जीना मुश्किल हो गया.

इसके बाद यह दम्पत्ति दुबारा जांच कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुनकुरी आया और जब दुबारा इसकी जांच हुई तो एचआईवी निगेटिव रिपॉर्ट आई. दो बार जांच करने पर भी रिपॉर्ट निगेटिव आई. इसके बाद वहां के बीएमओ एस टोप्पो ने उन्हें जशपुर जिला अस्पताल से तीसरी बार भी जांच कराने की सलाह दी. उनकी सलाह पर जब वे 17 अगस्त को जिला अस्पताल गये और वहाँ टेस्ट कराया तो यहां भी एचआईवी निगेटिव ही रिपोर्ट आई. तीन बार निगेटिव  रिपोर्ट आने के बाद इस दम्पत्ति और इनके परिवार के जान में जान आई.

कीट में खराबी ,हमारा कोई दोष नही -डाक्टर

स्वस्थ दम्पत्ति को एच आई वी पॉजिटिव की रिपोर्ट थमाने वाले सामुदायिक स्वास्थ केंद्र के डॉ दर्शन से जब हमारी चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि इसमें हमारा कोई कसूर नही है. कीट में खराबी होने के चलते रिपोर्ट गलत आयी. सार्वजिक तौर पर महिला की कॉउंसलिंग करने के आरोपों को डॉ दर्शन ने खारिज करते हुए कहा कि सार्वजिक जगह में न तो उनकी काउंसलिग की गयी है न ही मामले को सार्वजनिक किया गया है. आरोप गलत है. लेकिन लिखित में एचआईवी पॉजिटिव की रिपोर्ट देने के सवाल का उनके पास कोई जवाब नही था.

इस मामले में कुनकुरी बीएमओ एस टोप्पो का कहना है कि तीन स्टेज में इसकी जांच होती है ।पहले स्टेज में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दूसरे स्टेज में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और तीसरे स्टेज में जिला अस्पताल. प्राथमिक जांच में पॉजिटिव आने पर उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुनकुरी भेजा गया था और कुनकुरी में निगेटिव आने पर पूरी तरह से आश्वस्त होने के लिये उन्हें जिला अस्पताल जशपुर भेजा गया वहाँ भी रिपोर्ट निगेटिव आई. उन्होंने कहा- “मामले को सार्वजनिक किया गया है इस बात की जानकारी हमे नही है’