
रांची। झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र शुक्रवार को आहुत किया गया. इसमें आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 77 फीसदी करने वाला विधेयक पारित किया गया. इसके साथ झारखंड में अनुसूचित जनजाति के लिए 28 फीसदी, अनुसूचित जाति के लिए 12 फीसदी और पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू होने रास्ता खुल गया है. इसे भी पढ़ें : BREAKING: मनी लांड्रिंग मामले में आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने फिर बताया जान को खतरा, IAS समीर विश्नोई और अन्य दो आरोपियों के साथ कोर्ट में किए गए पेश…
हेमंत सोरेन सरकार ने विधानसभा के स्पेशल सेशन में दो महत्वपूर्ण विधेयक सदन के पटल पर रखे थे. इसमें 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति को कानूनी दर्जा देने के मकसद और दूसरा ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 फ़ीसदी करने को लेकर था. यह दोनों विषय मौजूदा सरकार के घोषणा पत्र में भी शामिल थे.

1932 खतियान बिल भी कराया पास
आरक्षण के अलावा हेमंत सरकार ने विधानसभा में 1932 भूमि रिकॉर्ड का प्रस्ताव भी पारित कराया. इसके तहत जिन लोगों के पूर्वज 1932 से पहले इस क्षेत्र में रह रहे थे और जिनके नाम उस वर्ष के भूमि अभिलेखों में शामिल थे, उन्हें प्रस्ताव लागू होने पर झारखंड के स्थानीय निवासी माना जाएगा.
सोरेने ने कहा- जो बोलते हैं, वो करते हैं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज का दिन राज्य के इतिहास में सोने के अक्षरों में लिखा जाएगा. हम जो कहते हैं, वो करते हैं. प्रदेश के वीर शहीदों और आंदोलनकारियों का सपना साकार हुआ. 1932 का खतियान आधारित स्थानीयता तथा एसटी-28%, पिछड़ा-27% और एससी-12% आरक्षण विधेयक विधानसभा के विशेष सत्र से पारित हुआ. जो कहते हैं, वो करते हैं.
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