नई दिल्ली। जेएनयू प्रशासन के एक फैसले ने सभी छात्र संगठनों को आपसी मतभेद भुलाकर एक ही पाले में आने को मजबूर कर दिया है. दरअसल जेएनयू प्रशासन ने मिनिमम अटेंडेंस का एक आदेश जारी कर दिया है. आदेश के अनुसार अब सभी छात्रों को अपनी हाजिरी लगानी होगी. यह आदेश 2018 से सभी विषयों के छात्रों पर लागू होगा. जेएनयू प्रशासन के इस फरमान ने सभी छात्रों के नींदें उड़ा दी.

इस फैसले के खिलाफ सभी छात्र संगठन लामबंद हो गए हैं और एक सुर में सुर मिलाते हुए इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. छात्र संगठनों ने फैसले को वापस लेने की मांग की है. छात्रों का कहना है कि जेएनयू के छात्रों पर इस तरह के नियमों को नहीं थोपा जा सकता है. ABVP सहित सभी छात्र संगठनों ने इसे तुगलकी फरमान बताया है.

JNUSU ने कहा है कि एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में ऐसे किसी प्रस्ताव को मंजूर नहीं किया गया है. प्रशासन इस तरह के आदेश लागू कर जेएनयू के इतिहास पर हमला कर रहा है. जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा. आपको बता दें कि इससे पहले जेएनयू में मिनिमम अटेंडेंस को लेकर कोई भी नियम नहीं था.