शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स ( जूडा ) की एक बार फिर हड़ताल की आहट सुनाई दे रही है. जूनियर डॉक्टर्स ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि 30 मई तक आदेश नहीं निकाला गया तो 31 मई से हड़ताल करेंगे. चिकित्सा शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद भी अब तक कोई लिखित आदेश नहीं निकला है.

जूनियर डॉक्टर ( जूडा ) एसोसिएशन ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आश्वासन दिया था, बावजूद इसके अभी तक कोई लिखित आदेश नहीं निकला है.  जूडा ने कहा कि कोरोना संक्रमण का ग्राफ नीचे गिरने लगा है, 5 महीने पूरे होने जा रहे हैं. लेकिन सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी. जिसके चलते वे इसका कड़ा विरोध करते हुए एक प्रदेश व्यापी आंदोलन का एलान किया है. उन्होंने कहा कि तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हमारी सारी मांगों के लिखित आदेश नहीं आ जाते हैं.

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ये सेवाएं होंगी बंद

जूडा ने ये भी कहा कि इसकी शुरुआत 31 मई 2021 सोमवार से होगी, जिसमें पहले दिन ओपीडी इमरजेंसी और रूटीन सर्विसेस बंद की जाएंगी. उसके बाद भी सरकार पर अगर कोई फर्क नहीं पड़ता है तो आगे हम कोविड इलाज भी बंद कर सकते हैं. जूनियर डॉक्टर्स ( जूडा ) ने सरकार के सामने छह सूत्रीय मांगें रखी थीं और यह आरोप लगाया था कि इनमें से कुछ मांगे तो ऐसी हैं जिनका वायदा खुद मुख्यमंत्री की ओर से किया गया था लेकिन उन्हें एक साल बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं किया गया है.

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ये हैं जूडा की मांगें

  • सरकार की ओर से 6% सालाना मानदेय बढ़ाने का वायदा पूरा किया जाए
  • जूनियर डॉक्टरों के इलाज की बेहतर व्यवस्था की जाए
  • कोरोना के दौरान प्रति महीने 10 हज़ार रुपये मानदेय देने का वायदा पूरा किया जाए
  • जूनियर डॉक्टर्स को ग्रामीण सेवा के बंधन से मुक्त किया जाए
  • कोरोना काल में सेवा के लिए प्रशस्ती पत्र दिया जाए जिसका फायदा सरकारी भर्तियों में मिले

सरकार के आश्वास के बाद खत्म हुई थी हड़ताल

बता दें कि जूनियर डॉक्टर्स ( जूडा ) ने सरकार के सामने पांच सूत्रीय मांगें रखी थीं और यह आरोप लगाया था कि इनमें से कुछ मांगें तो ऐसी हैं जिनका वायदा खुद मुख्यमंत्री ने किया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं किया गया है. जिसको लेकर जूडा ने  6 मई से इमरजेंसी सेवाएं रोक दी थी, साथ ही 7 मई से कोविड मरीजों के इलाज से भी इनकार कर दिया था. इस दौरान प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री के ने उनकी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था. जिसके चलते जूडा ने अपनी हड़ताल वापस ले ली थी.

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