दिल्ली. हरियाणा में सोनीपत की एसीजेएम अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में कोर्ट में बयान बदलने वाली छात्रा को 3 साल कैद व 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी। छात्रा के कोर्ट में बयान बदलने पर कोर्ट के निर्देश पर उसके खिलाफ धारा 193 के तहत कार्रवाई की गई थी जिसमें अब यह फैसला आया है।

सोनीपत में एक विश्वविद्यालय की बी.ए. एलएल.बी. (5 वर्षीय पाठ्यक्रम) की प्रथम वर्ष की छात्रा का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया था। 18 मई, 2012 को दर्ज हुए मुकदमे में दिल्ली के एक गांव की रहने वाली छात्रा ने पुलिस को बताया था कि वह विश्वविद्यालय के छात्रावास में रहती है। 16 मई, 2012 की दोपहर वह विभागाध्यक्ष से अनुमति लेकर विश्वविद्यालय के गेट के बाहर पुस्तक लेने के लिए आई थी। इसी दौरान स्कॉर्पियो में 3 युवक उसे उठा ले गए थे। युवक छात्रा को खेतों में सुनसान स्थान पर ले गए थे और वहां पर एक अन्य मिला था।

चारों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। 18 मई, 2012 को सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था जिसमें बाद में तत्कालीन ए.डी.जे. मनीषा बतरा की अदालत में सुनवाई हुई थी। अदालत में सुनवाई के बाद छात्रा ने अपने पहले दर्ज करवाए 164 के बयान के अलग बयान दिया था। उसने आरोपियों को पहचानने से इनकार कर दिया था।

छात्रा के बयान बदलने के बाद ए.डी.जे. मनीषा बतरा की कोर्ट ने छात्रा के खिलाफ धारा 193 के तहत ए.सी.जे.एम. कोर्ट में मामले के तहत सुनवाई को भेजा था जिस पर 30 मई, 2013 से इस मामले की सुनवाई ए.सी.जे.एम. की कोर्ट में चल रही थी।