पवन दुर्गम, बीजापुर. बीजापुर नगरपालिका के शांति नगर वार्ड में व्याप्त मूलभूत समस्याओं को लेकर आज 700 से ज्यादा लोगों ने विधायक निवास पर जमकर नारेबाजी की. आक्रोशित लोगों ने रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. दरअसल, वर्ष 2004 के बाद सलवा जुडूम से पीड़ित तोयानार, गुड्डीपाल, कांदुलनार, आदेड, सागमेटा, जिनिप्पा, मोरमेड, पदेडा, पालनार, पुसनार, गंगालूर,पोंजेर, भोशागुड़ा, पेनगुंडा, नेतिकाकरेड और बासागुड़ा क्षेत्र के ज्यादातर जुडूम पीड़ितों ने बीजापुर नगर के शांतिनगर में शरण लिया था. शांतिनगर में घर बनाकर वहां रहने लगे थे. 2004 के बाद 15 साल बीत चुके हैं, उन्हें अब तक उनके जमीन का मालिकाना हक नहीं मिला है.

नगरपालिका कार्यालय से शांतिनगर होते हुए नए बस स्टैंड तक पहुंचने वाले एकमात्र मुख्य सड़क भी बनने के कुछ वर्षों में जर्जर हो गई है. इस सड़क पर बमुश्किल दुपहिया वाहन चल पाते हैं, सड़क की हालत बेहद दयनीय हो चली है. करीब एक किलोमीटर बनी इस सीसी सड़क में दर्जनों गड्ढे हैं, जो बारिश के दिनों में भर जाते हैं और वार्डवासियों का सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है.

शांतिनगर वार्ड को चट्टानपारा के नाम से भी जाना जाता है. भौगोलिक स्थित ऐसी की यहां का भूजल स्तर पालिका के 15 वार्डों में सबसे अलग है. इक्का दुक्का हैंडपम्प हैं जो खराब स्थिति में हैं. पालिका क्षेत्र में शांतिनगर ड्राई जोन इलाके में आता है जहां बोर खनन भी असफल हो जाते हैं. शांतिनगर में 6000 हजार से ज्यादा की आबादी हैं जहां टैंकरों के माध्यम से ही जलापूर्ति की जाती है जो कि नाकाफी है. भूजल स्तर बहुत कम होने की वजह से पीने के पानी की आपूर्ति भी पूरी तरीके से नहीं हो पा रही है.

इसके पूर्व में चार दफे शांतिनगर वार्डवासियों ने धरना, रैली के माध्यम से जिला प्रशासन और सरकारों का इस समस्या की ओर धयानआकर्षण किया मगर नतीजा नही निकला. अपने ही सरकार और प्रशासन के खिलाफ आज पार्षद पुरुषोत्तम सल्लुर के नेतृत्व में 500 से ज्यादा लोगों ने कलेक्टर बीजापुर से मिलकर अपनी समस्याएं बताई.

बीजापुर कलेक्टर के डी कुंजाम ने शांतिनगर के प्रतिनिधिमंडल से मिले जहां उन्होंने हर मांग को गंभीरता से सुना, कलेक्टर ने तत्काल संबंधित अधिकारियों को बुलाकर समस्या निराकरण के निर्देश दिए. कलेक्टर ने मीडिया को बताया कि वे स्वयं शांतिनगर वार्ड का दो बार मुआयना कर चुके हैं, जहां वाकई में समस्याएं व्याप्त हैं, जिनके निराकरण के लिए प्रयास किये जाएंगे.