नई दिल्ली। झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति हरीश चंद्र मिश्रा ने बुधवार को दिल्ली के लोकायुक्त के रूप में शपथ ली. उनका कार्यकाल 5 साल का होगा. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में नए लोकायुक्त को पद की शपथ दिलाई. न्यायमूर्ति मिश्रा ने 1984 में पटना के बार काउंसिल में एक वकील के रूप में शुरुआत की थी और 1997 में बिहार सुपीरियर न्यायिक सेवा में प्रवेश किया था. अपने करियर के दौरान उन्होंने जिला और सत्र न्यायाधीश, सदस्य सचिव, झारखंड राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण और झारखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया. उन्हें 2013 में झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था, जहां उन्होंने 2019 में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया और 2021 में सेवानिवृत्त हुए. उनकी नियुक्ति मुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार के परामर्श से की गई है. लोकायुक्त को दिल्ली में सार्वजनिक पदाधिकारियों के खिलाफ आरोपों और उससे जुड़े मामलों की जांच करने का काम सौंपा गया है.

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जस्टिस पूनम ए बंबा और जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा दिल्ली हाईकोर्ट में नियुक्त

केंद्र सरकार ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में दो नए न्यायाधीशों की नियुक्ति को अधिसूचित किया है. कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति उस क्रम में (1) पूनम ए बंबा और (2) स्वर्ण कांता शर्मा को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त करते हैं. इन नियुक्तियों के साथ अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 60 की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 36 तक पहुंच गई है. ये दो नए जज उन 6 जजों में शामिल हैं, जिन्हें पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने प्रोन्नति के लिए सिफारिश की थी. अन्य 4 न्यायाधीशों नीना बंसल कृष्णा, दिनेश कुमार शर्मा, अनूप कुमार मेंदीरत्ता और सुधीर कुमार जैन ने 28 फरवरी को शपथ ली थी.