अमित शर्मा/मनोज उपाध्याय/एनके भटेले, श्योपुर/मुरैना/भिंड। नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने शनिवार को 3 जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। सिंधिया ने श्योपुर, मुरैना और भिंड में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया। साथ ही बाढ़ से प्रभावित लोगों से बात कर हाल-चाल जाना। सिंधिया ने ग्रामीणों ने बाढ़ राहत पर भी चर्चा की। वहीं इन जिलों में चंबल नदी (Chambal River) और पार्वती नदी (Parvati River) से हर साल बाढ़ से होने वाली त्रासदी को रकेने के लिए डैम बनाने की बात कही। साथ ही बाढ़ के कारण हुई फसल क्षति का जल्द मुआवजा देने का निर्देश अधिकारियों को दिया।

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नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया श्योपुर जिले के जलालपुरा गांव पहुंच कर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं देखी। लोगों की मांग पर उन्होंने हर साल बारिश के सीजन में टापू बनने वाले सुंडी गांव को दूसरे सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने और झोपड़ी गांव को राजस्व गांव घोषित करने के निर्देश प्रशासन के अधिकारियों को दिए। इस दौरान राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत(Revenue Minister Govind Singh Rajput), सिंचाई विभाग मंत्री तुलसी सिलावट (Irrigation Department Minister Tulsi Silavat) और प्रभारी मंत्री भरत सिंह कुशवाहा भी मौजूद रहे।

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मुश्किल घड़ी में श्य़ोपुर के लोगों के साथ सिंधिया राजघराना
मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जलालपुरा गांव में लोगों को संबोधित करते हुए कहां कि चंबल- ग्वालियर संभाग के हर इलाके के लोग उनके परिवार के सदस्य हैं। आपसे मेरा आत्मीय लगाव है। वह सुख की घड़ी में एक बार को आपके बीच न आए हैं लेकिन, आपदा या दुख की घड़ी में हमेशा आपके बीच आकर खड़े होते रहे हैं और होते रहेंगे। दादी राजमाता और स्वर्गीय पिता माधवराव सिंधिया भी हर मुश्किल घड़ी में श्योपुर के लोगों के बीच आते थे। एक बार पैर फैक्चर था तब भी मेरे पिता आपदा की स्थिति में श्योपुर आए थे। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ की वजह से घर मकान, घर गृहस्ती के सामान और खेतों में खड़ी और काटकर रखी फसलों का तत्काल सर्वे करके अति शीघ्र मुआवजा देने की प्रक्रिया पूरी करें। मुआवजा बांटने का काम पूरी पारदर्शिता के साथ हो। इसके लिए बाढ़ पीड़ितों की सूची स्कूल और पंचायत भवन पर चस्पा कराई जाएं। उन्होंने मौके पर मौजूद राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से कहा कि हर साल बारिश में टापू बनने वाले सुंडी गांव को दूसरी जगह शिफ्ट करने की प्रक्रिया सिंचाई विभाग मंत्री व प्रशासन के साथ बैठकर जल्द से जल्द शुरू की जाए। झोपड़ी गांव को भी राजस्व गांव बनाया जाए ताकि ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके। इसके अलावा किसानों के लिए परेशानी बनने वाले नाले पर पुलिया भी बनाई जाए।

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हर साल यह बाढ़ की आपदा नहीं आए, इसके लिए नदियों पर डैम बनाएंगे

एंकर चंबल नदी की बाढ़ के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने और बाढ़ पीड़ितों से मिलने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार को मुरैना पहुंचे। सुबह साढ़े 11 बजे सिंधिया हेलिकाप्टर से सबलगढ़ पहुंचे। बाढ़ पीड़ित रतियापुरा गांव का दौरा किया। बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों से मिले और डूब में आने वाले गांवों को ऊंचाई वाले स्थलों पर बसाने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया। सिंधिया के साथ प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट (Water Resources Minister Tulsi Silavat) और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी थे। इस दौरान सिंधिया ने कहा कि चंबल, पार्वती नदियों की बाढ़ हर साल की आपदा बन गई है। इस आपदा से निपटने के लिए नदियों में डैम की जरूरत है। सिंधिया जलसंसाधान मंत्री तुसली सिलावट से कहा कि वह ऐसे स्थल देखें जहां, बिना किसी बड़ी आपत्ति के डैम बन जाएंगे। उन्होंनें कहा कि चंबल की जनता को बाढ़ से बचाने के काम में बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी।
सबलगढ़ क्षेत्र में बाढ़ पीड़ित इलाकों का दौरा करने के बाद मुरैना में सिंधिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि नदियों की बाढ़ पर काबू पाने के लिए बांध बनाना जरूरी है। हम नदियों पर बांध बनाने के लिए अग्रसर हैं। हालांकि इसके लिए कई अनुमतियां जरूरी होती है। इनमें पर्यावरण विभाग की अनुमति सबसे बड़ी औरमुख्य होती है। सिंधिया ने जलसंसाधन मंत्री सिलावट से कहा कि चंबल की जिन नदियों में बाढ़ आती है। उनमें बांध के लिए ऐसे स्थान चिन्हित करवाएं, जहां पर्यावरण विभाग व केंद्र सरकार की अनुमति भी आसानी से मिल जाए। सिंधिया ने बताया कि मुरैना जिले की पांच तहसीलों में 80 गांवाें के 5500 से ज्यादा परिवारों के 24 हजार 710 लोग प्रभावित हैं। 14 हजार 184 पशु भी बाढ़ की चपेट में आए हैं। इनकी मदद के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

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सिंधिया बोले चार चरणों में चलेंगे राहत काम

  • सिंधिया ने बाढ़ की आपदा से जनजीवन को सामान्य करने के लिए चार चरणों की योजना संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना, कलेक्टर बी कार्तिकेयन को बताई। सिंधिया ने कहा कि पहले चरण में बाढ़ प्रभावित 25 हजार से ज्यादा लोगों को खान-पीने, कपड़े, बर्तन की व्यवस्था हो, जिनके घर बह गए हैं, ढह गए हैं उन्हें आवासों की व्यवस्था की जाए। यह काम दो दिन में पूरा करेंगे।
  • दूसरे चरण में कितने मकानों की कितनी हानि, पशुओं, फसलों और अन्य निजी सम्पत्ति की कितनी हानि हुई है, इसका जल्द से जल्द सर्वे कराकर पीड़ितों के बैंक खातों में मुआवजा पहुंचाएंगे। जिन लोगों को मुआवजा मिलेगा, उसकी पूरी सूची राशि के साथ पंचायत भवन पर चस्पा की जाएगी। यह काम दो-तीन दिन में पूरा कर लिया जाएगा।
  • तीसरे चरण में बाढ़ के बाद बीमारी शुरू होती है, बीमारी न फैले इसके लिए गांव-गांव स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। बाढ़ के कारण खंबे-बिजली लाइनें गिर गईं, कईयों गांवों में बिजली गुल है, सड़कें बह गईं, रास्ते बंद हैं। ऐसे गांवों को चिन्हित कर मूलभूत सुविधाएं बहाल की जाएंगी।
  • चौथे चरण में ऐसे कई गांव हैं जो बाढ़ में चारों ओर से कट जाते हैं, घर ओर मवेशी बह जाते हैं। सिंधिया ने कहा, कि अगली बार बाढ़ की पुनावृत्ति इन गांवांे में न हो इसके लिए एेसे गांवों को चिन्हित करके, स्थानीय रहवासियाें को राजी करके डूब में आने वाले गांवाें को दूसरी जगह बसाएंगे।

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भिंड में बाढ़ ग्रस्त अटेर के चोम्हो गांव पहुंचे सिंधिया

केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार को भिंड जिले के बाढ़ ग्रस्त अटेर के चोम्हो गांव पहुँचे। सिंधिया ने चम्बल नदी से बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। इस दौरान आम सभा को संबोधित करते हुए पीड़ितों को हर सम्भव मदद का भरोसा दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अटेर इलाके के चौम्हो गांव में बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनका हालचाल जाना और मंच से बोलते हुए उन्होंने कहा कि बाल प्रीतो का चार बिंदुओं पर प्रशासन को सहयोग करना है जिनमें लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था के साथ-साथ जानवरों के लिए चारे की भी व्यवस्था प्रमुखता से करने की बात कही। बाढ़ प्रभावित गांवों में शुद्ध पानी के लिए हेड पंप की व्यवस्था को प्राथमिकता बताया। बाढ़ समाप्त हो जाने के बाद सैलरी वाली महामारी से ग्रामीण जनों को बचाने के लिए स्वास्थ्य अमले दो अलर्ट रहकर ग्रामीणों की समुचित व्यवस्था करने की प्राथमिकता तय की चौथे बिंदु के तहत चंबल में बाढ़ हर साल का नियम हो गया है और ग्रामीण हर बार बड़ी परेसानी सहन करते हैं। इसके परमानेंट हल के लिए उन्होंने चंबल किनारे बसे निचले इलाके के गांव के लोगों को ऊपर के इलाकों में बसाई जाने की पहल करते हुए कहा कि ग्रामीण जगह चिन्हित करें उनको बताएं और जो ऊपर बसना चाहते हैं उनको सरकार व्यवस्था करेगी और इस बाढ़ से होने वाली परेशानी को हमेशा के लिए समाप्त करने का प्रयास सरकार करेगी।

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