Kalyug Ka Prakop : विष्णु पुराण के अनुसार, कलियुग की आयु बाकी तीन सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग की तुलना में सबसे कम है. विष्णु पुराण कल्कि पुराण समेत कई ग्रंथों में कलयुग के बारे में भविष्यवाणी हजारों वर्षों पहले कर दी गई है. कलियुग को लेकर कहा गया है कि कि इस दौरान अधर्म का बोलबाला ज्यादा रहेगा.

विद्वान कहते हैं कि, अलग-अलग युगों का इंसानी चेतना पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है और, कलयुग में हमारा बोध जुबानी संवाद पर आधारित है. इस युग की अवधि 4,32,000 मानव-वर्ष की है. इसमें मानव की आयु 100 साल के आस-पास रह गई है. अभी कलयुग को प्रारंभ हुए साढ़े 5 हजार वर्ष ही बीते हैं. विष्‍णु पुराण के अनुसार, कलयुग में अभी इतने बुरे दिन आएंगे कि इंसान की लम्बाई मात्र 4 इंच रह जाएगी. वहीं इंसान की उम्र 12-20 साल तक के बीच की ही बचेगी. यह ऐसा युग है, जिसमें सत्‍य, दया, करुणा, कर्तव्य व अहिंसा का ह्रास होता है…और पापियों की संख्या बढ़ती है.

जैसे कलयुग चरम पर पहुंचेगा तो यह सब चीज होने लगेगी

विष्णु पुराण में बताया गया है कि कलियुग जैसे जैसे अपने चरम पर आगे बढ़ेगा तो उस समय राजा लोग प्रजा की रक्षा नहीं करेंगे बल्कि रक्षा करने के बहाने उनका धन छीनेंगे. कलियुग में जिन लोगों को धर्म का अल्प ज्ञान होगा वह भी धर्म का गलत तरीके से प्रचार करेंगे पाखंड को फैलाएंगे और धर्म कर्म से हटकर भूत प्रेत मसान को भी देवता मानकर पूजा शुरु कर देंगे जिससे की सामाजिक और धर्म व्यवस्था प्रभावित होगी इसका प्रभाव भी लोगों के जीवन और आयु को प्रभावित करेगा. कलियुग में लोग अल्पबुद्धि होकर वाणी, मन और शारीरिक दोषों से वशीभूत होकर प्रतिदिन पाप कर्म करें. जिसका असर उनकी आयु पर दिखाई देगा.