फरीदकोट। पंजाब के फरीदकोट में एक बार फिर माहौल को बिगाड़ने की साजिश की जा रही है. लगातार पंजाब में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखने के मामले सामने आ रहे हैं. अभी फिर से फरीदकोट में सेशन जज के बंगले के बाहर ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लिखे मिले हैं. हालांकि इसका पता चलते ही पुलिस ने काले रंग के पेंट से नारे मिटा दिए. फरीदकोट में इससे पहले भी पार्क की दीवार पर यही नारे लिखे हुए थे.

सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस

सेशन जज के घर के बाहर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे होने का पता चलते ही फरीदकोट पुलिस हरकत में आ गई. तुरंत पूरे शहर में नाकेबंदी कर दी गई है. इसके अलावा सेशन जज की कोठी को आते-जाते रास्ते की CCTV फुटेज खंगाली जा रही है. हालांकि अभी तक पुलिस के हाथ आरोपियों की गिरेबां से बाहर है. अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.

सेशन जज के घर की दीवार पर लिखे खालिस्तान जिंदाबाद

ये भी पढ़ें: चलती गाड़ी में पंजाब के परिवहन मंत्री भुल्लर का स्टंट, सनरूफ से बाहर निकल गनमैन की जिंदगी को डाला खतरे में, मंत्री और गनमैन को हो सकती है सालभर की कैद

फरीदकोट में इससे पहले भी लिखे गए थे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे

इससे पहले फरीदकोट की बाजीगर बस्ती के पार्क में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे मिले थे. जिसे बाद में पेंट से मिटा दिया गया था. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले पटियाला में खालिस्तान विरोधी मार्च पर हिंसा हो गई थी. शिवसेना के मार्च का कुछ सिख संगठन ने विरोध जताया था, जिसके बाद हालात बिगड़ गए और दोनों तरफ से पत्थरबाजी हो गई. हालांकि पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.

खालिस्तान ने अपना बदसूरत सिर उठाया

इस साल फरवरी में यह खबर आई थी कि प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) जैसे खालिस्तान समर्थक समूह पंजाब में भावनाओं को भड़काने और आंदोलन को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं. कनाडा से भारत विरोधी भावनाओं की अभिव्यक्ति कोई रहस्य नहीं है, लेकिन भारत की बड़ी सुरक्षा चिंता हाल ही में इस संगठन की रही है जिसकी एक मजबूत आभासी उपस्थिति है और भारत सरकार के खिलाफ विद्रोह करने के लिए अच्छी संख्या में लोगों को कट्टरपंथी बनाने में सक्षम है. खालिस्तान समर्थक समूहों के फंडिंग चैनलों की जांच के लिए एनआईए की एक टीम पिछले नवंबर में कनाडा पहुंची, जो भारत में अशांति में योगदान कर सकते हैं. किसानों के विरोध के नाम पर एक लाख अमरीकी डॉलर से अधिक एकत्र किया गया था, जैसा कि अधिकारियों ने उद्धृत किया था.

ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किया एक और वादा पूरा, 15 जून से दिल्ली एयरपोर्ट के लिए सरकारी बस चलाने का ऐलान, किराया भी होगा कम

लगातार खालिस्तानी समर्थक दे रहे हैं वारदातों को अंजाम

8 मई को धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर के मुख्य द्वार पर खालिस्तान के झंडे लगे हुए पाए गए. हिमाचल प्रदेश पुलिस ने एसएफजे नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया और राज्य की सीमाओं को सील कर दिया और खालिस्तान समर्थक गतिविधियों का हवाला देते हुए राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी. 6 जून को खालिस्तान जनमत संग्रह दिवस की संगठन की घोषणा पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. पंजाब के तरनतारन जिले से राज्य पुलिस द्वारा आरडीएक्स से भरी एक आईईडी जब्त करने के ठीक एक दिन बाद 9 मई को मोहाली में पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस मुख्यालय से पाकिस्तान निर्मित रॉकेट-चालित ग्रेनेड विस्फोट की सूचना मिली थी. ये घटनाक्रम गंभीर रूप से भारत में अविश्वास के बीज बोने के लिए खालिस्तानी तत्वों के प्रयासों की ओर इशारा करते हैं और यह भारत की सुरक्षा के लिए एक चिंता का विषय है.