राजनादगांव। डोंगरगढ़ में बीते दिनों ‘कचरा वाहन’ में कोरोना से मृत शवों को ले जाया गया था. मामला उजागर होने के बाद अब एसडीएम ने तहसील कार्यालय डोंगरगढ़ में कंट्रोल रूम का गठन किया है. कोरोना से मृत शवों को श्मशान घाट तक पहुंचाने के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि वो शवों को सुरक्षित शमशान घाट तक पहुंचाए, जिससे उनका अंतिम संस्कार किया जा सके.

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शिक्षकों के अलावा इनकी भी लगी ड्यूटी

शिक्षकों के अलावा अन्य कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगी है. कोरोना से मरने वालों की शवों को जिन वाहन से ले जाना है, उन वाहन ड्राइवरों के नंबर भी सार्वजनिक किया गया है. वहीं शवों का अंतिम संस्कार करने वाले कर्मचारियों का नाम और नंबर भी जारी किया गया है. इस संबंध में एसडीएम ने आदेश जारी किया है.

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कोविड सेंटर से निकली थी 4 लाशें

बता दें कि 14 अप्रैल को जिला मुख्यालय से महज 25 किलोमीटर दूर डोंगरगांव कोविड केयर सेंटर से शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई थी. दो सगी बहनों समेत 4 लोगों की ऑक्सीजन की कमी के चलते कोरोना से जान गवानी पड़ी थी. सभी मरीज एक दिन पहले ही कोरोना से संक्रमित हुए थे.

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‘कचरा वाहन’ से ले जाया गया शव

कोरोना से मृत शवों को नगर पंचायत के कचरा फेंकने वाले वाहन से मुक्तिधाम ले जाया गया था. मरने के बाद भी उन्हें एम्बुलेंस तक नसीब नहीं हुआ. इन तस्वीरों को देखकर सरकार-प्रशासन की बदइंतजामी और लापरवाही देखने को मिला था. जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों को इनके शवों के अंतिम संस्कार के लिए शव वाहन से मुक्तिधाम तक ले जाना था. लेकिन शवों को नगर पंचायत के कचरा उठाने वाले वाहन से मुक्तिधान ले जाया गया. इस खबर को लल्लूराम डॉट कॉम ने सबसे पहले प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

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