दिल्ली. त्रिपुरा में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आ गई. पार्टी ने वामपंथी गढ़ त्रिपुरा से वामपंथ की चूलें हिला दी. अब बारी भाजपा की थी तो उसने भी सूबे में अपनी धमक दिखाते हुए वामपंथी नेता ब्लादीमीर लेनिन की भव्य मूर्ति को जमींदोज कर दिया. इसके बाद से राज्य में बवाल शुरु हो गया.

त्रिपुरा के बेलोनिया टाउन में रुसी वामपंथी नेता ब्लादीमीर लेनिन की मूर्ति को भाजपा के उत्साहित कार्यकर्ताओं ने बकायदा जेसीबी चलवाकर गिरा दिया. इतना ही नहीं इन भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस दौरान भारत माता की जय के नारे भी लगाए. ये खबर मीडिया में आते ही देश भर में बवाल शुरु हो गया.

जहां भाजपा और दक्षिणपंथी संगठनों के नेता इस हरकत का पुरजोर बचाव करने में जुटे हैं वहीं वामपंथी पार्टियां बेहद गुस्से में हैं. सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि त्रिपुरा की हिंसा बताती है कि भाजपा किस विचारधारा को मानने में यकीन करती है. उधर, सीपीआई नेता डी. राजा ने घटना की आलोचना करते हुए कहा कि इस किस्म की हिंसा को किसी भी सूरत में एक लोकतांत्रिक देश में स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

उधर, भाजपा के समर्थक औऱ अपने बयानों से बवाल को जन्म देने वाले बवाली नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि लेनिन आतंकवादी है ऐसे आतंकी को मूर्ति का इस देश में क्या काम. इन बयानों के बाद साफ हो गया है कि दक्षिणपंथी औऱ वामपंथी पार्टियों के बीच तलवारें खिंच गई हैं और अब ये बवाल और भी बढ़ता जाएगा. देखना है कि त्रिपुरा की भाजपा की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत में ही पैदा हुआ ये बवाल कब खत्म होता है.