• प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राहुल गांधी पहला दौरा

  • पिछले दो चुनावों से बस्तर की विस सीटों पर है कांग्रेस का दबदबा

  • बस्तर संभाग में लोकसभा की दोनों सीटों पर भाजपा का कब्जा है 

  • जगदलपुर एयरपोर्ट में राहुल गांधी का स्वागत करते प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव में बाजी मारने के बाद अब कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस चुकी है. इसी सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी विशेष विमान से शनिवार दोपहर एक बजे दिल्ली से सीधे जगदलपुर पहुंचे. यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया समेत स्थानीय पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया. लंच के बाद वे आम सभा के लिए लोहंडीगुड़ा के धुरागांव के लिए रवाना होंगे. यहां वे किसानों को कर्जमाफी और जमीन वापसी का सर्टिफिकेट देंगे. इस दौरे के चलते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को ही जगदलपुर पहुंच चुके हैं. प्रदेश में सरकार बनने के बाद राहुल गांधी यहां दूसरा और बस्तर में ये पहला दौरा है.

राहुल गांधी धुरागांव में टाटा संयंत्र के लिए अधिग्रहित किसानों की जमीनों को वापसी का प्रमाण पत्र सौपेंगे। इसके साथ ही वन अधिकार पट्टे और ऋण मुक्ति का प्रमाण पत्र भी सौपेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोंडागांव में फूडपार्क का शिलान्यास भी करेंगे.

1709 किसानों को होगा लाभ

बस्तर जिले के चित्रकोट विधानसभा में लोहांडीगुड़ा ब्लाक के 10 गांवों में  वर्ष 2008 में टाटा स्टील ने जमीन अधिग्रहण किया था। इसमें 1709 किसानों की 5000 एकड़ ली गई थी. 10 साल बीत जाने के बाद भी अब तक यहां कारखाना नहीं लग पाया. सरकार ने अब बिना किसी शर्त किसानों को जमीन वापस करने की घोषणा की है. यानी किसानों को जमीन का दिया गया मुआवजा भी वापस नहीं लिया जाएगा.

ये है अधिग्रहण से जुड़ा नियम

नियमानुसार औद्योगिक उपयोग के लिए अधिग्रहित कृषि भूमि पर 5 साल में काम शुरू करना जरूरी है. अधिग्रहण की तारीख से 5 साल तक परियोजना स्थापित नहीं की गई है तो वह जमीन किसानों को वापस की जाती है.

इससे पहले पश्चिम बंगाल में जमीन वापस हुई थी

इससे पहले टाटा ग्रुप ने पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के सिंगुर में नैनो कार परियोजना लगाने के लिए अधिग्रहित की थी. जमीन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किसानों को वापस किया गया था. कंपनी की यहां पर 997 एकड़ जमीन पर नैनो कार के निर्माण की परियोजना लगाने की योजना थी. बाद में राजनीतिक विरोध और भारी विरोध प्रदर्शन के बाद अक्टूबर 2008 में टाटा समूह ने नैनो फैक्टरी बंगाल से गुजरात के साणंद में स्थानांतरित करने की घोषणा कर दी थी.