लुधियाना गैस हादसे में आरोपों से घिरे पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने मामले की स्वतंत्र जांच कराने का फैसला लिया है।

इसके लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों के केमिस्ट्री के प्रोफेसरों की एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जो समयबद्ध जांच करके अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से इस बारे में संपर्क भी कर लिया गया है।

टीम से सदस्य आसपास की औद्योगिक इकाइयों और सीवरेज लाइन से सैंपल भी लेंगे। जांच का सारा खर्च पीपीसीबी वहन करेगा।

उल्लेखनीय है कि लुधियाना के ग्यासपुरा इलाके में सीवरेज लाइन में औद्योगिक केमिकल डालने की वजह से बनी गैस की चपेट में आने से 11 लोगों की मौत हो गई थी।

आरोप लग रहे हैं कि अगर पीपीसीबी ने समय रहते कार्रवाई की होती तो हादसा न होता। पीपीसीबी के चेयरमैन डॉ. आदर्श पाल विग ने बताया कि 15 टीमों का भी गठन किया है, जो घटनास्थल से 200 मीटर के दायरे में पड़ते 100 से अधिक उद्योगों में सैंपल लेंगी। चेयरमैन ने कहा कि जांच में देखा जाएगा कि उद्योगों की ओर से रसायन युक्त पानी को ट्रीट करके छोड़ा जा रहा है या नहीं।

जल्द ही जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी। पता लगाया जाएगा कि जहरीली गैस के रिसाव के क्या कारण रहे। उन्होंने पीपीसीबी पर लग रहे आरोपों को गलत ठहराते हुए कहा कि सीवरेज लाइन में उद्योगों की ओर से रसायन युक्त पानी नहीं डाला जा रहा था। मौजूदा हालात को देखते हुए स्वतंत्र जांच कराना जरूरी है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।