गरियाबंद. माता दुर्गा आज स्वयं जिला मुख्यालय गरियाबंद और मैनपुर की सड़कों पर निकली. माता दुर्गा ने लोगों को एक संदेश दिया. वहीं संदेश पर अमल नहीं करने वालों को यमराज ने अपने यमलोक ले जाने की चेतावनी भी दी. माता दुर्गा और यमराज को अपने बीच सड़क में देखकर लोग सोचने पर मजबूर हुए और उनके संदेश पर अमल करने का भरोसा भी दिलाया.

दरअसल, गरियाबंद के वीर सुरेंद्र साय महाविद्यालय के रोको-टोको अभियान से जुड़े छात्र-छात्राओं ने आज कोविड वैक्सीन को लेकर जिला मुख्यालय और मैनपुर में जनजागरण अभियान चलाया गया. इस दौरान अभियान से जुड़े छात्र-छात्राओं ने कई प्रकार के वेश धारण कर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया. अभियान से जुड़ी एक छात्रा ने माता दुर्गा का रूप धारण किया तो किसी ने उनके शेर का रूप धारण किया. इस प्रकार सभी छात्र-छात्राओं ने मिलकर क्षेत्रवासियों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया. माता दुर्गा बनी छात्रा ज्योति साहू ने लोगों को समझाया कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है. यदि वैक्सीनेशन नहीं कराएंगे तो उनकी जान भी जा सकती है और यमराज उन्हें अपने साथ यमलोक ले जाएगा.

ज्योति ने बताया कि दोनों शहरों में उनके अभियान से लोग बहुत प्रभावित हुए और उनके संदेश को बहुत गंभीरता से सुना. उन्होंने बताया कि नगर भ्रमण के दौरान गरियाबंद में ज्यादातर लोग ने उन्हें वैक्सीनेशन लगवा लेने की जानकारी दी. जबकि मैनपुर में ऐसे कम ही लोग मिले जिन्होंने वैक्सीनेशन लगवा ली है.

वहीं अभियान में साथ चल रहे यूनिसेफ कार्यकर्ता तेजराम सारथी ने बताया कि रोको-टोको अभियान के तहत संपूर्ण प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन को लेकर जन-जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. इसी के तहत सोमवार को वीर सुरेंद्र साय महाविद्यालय के एनएसएस और रेडक्रॉस के छात्र-छात्राओं द्वारा लोगों को अलग तरीके से मैनपुर और गरियाबंद के हजारों लोगों को जागरुक करने का काम किया है.

उन्होंने बताया कि जिले में अभी लोग वैक्सीनेशन को लेकर जागरुक नहीं है. खासकर मैनपुर और देवभोग क्षेत्र में लोगों ने टीकाकरण में पिछड़ा हुआ है. इतनी जागरुकता के बाद यहां लोग टीकाकरण को लेकर गंभीर नहीं है. उन्हें जागरुक करने के लिए आज कॉलेज छात्र-छात्राओं द्वारा यह जन-जागरुकता अभियान चलाया गया है.

बता दें कि, गरियाबंद में अभी भी 34% लोगों ने जहां दूसरा टीका नहीं लगवाया है. वहीं 6 प्रतिशत लोग अभी भी पहला टीका लगवाने से वंचित है. जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ से जुड़े युवा लगातार अलग-अलग तरह से अभियान चलाकर लोगों को वैक्सीनेशन तथा कोरोना के नियमों के प्रति जागरुक करते रहे हैं.