राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में धार्मिक स्थल निजी उपयोग के साथ खतरे में है. कहीं शिव मंदिर (Shiv Mandir) को भूसा घर बना लिया, तो कहीं जज का सरकारी आवास बन गया. साथ ही कई स्थलों पर दुकानें संचालित हो रही हैं. प्रदेश की धरोहरों को लेकर कैग (cag) की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल ओरछा (Orchha) के एतिहासिक शिव मंदिर को भूसा घर बना दिया गया है. खजुराहो (Khajuraho) स्थित महाराजा प्रताप की छत्री में प्राइवेट कैफे चल रहा है. ओरछा के जुझार महल में जज का सरकारी निवास बना हुआ है. पालकी महल में निगम के कर्मचारी का निवास है.

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मप्र के विरासत स्थलों का पहली बार कैग (भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) ने ऑडिट किया. ऑडिट रिपोर्ट में 64 स्मारकें अतिक्रमण की चपेट में हैं. इंदौर के लालबाग पैलेस में पुराने वाहन पड़े हैं. जबलपुर स्थित विष्णु वराह मंदिर में दुकानें चल रही हैं. प्रदेश में 526 संरक्षित स्मारक, 43 संग्रहालय और 6 अभिलेखागार हैं. कैग ने 189 स्मारक, 22 संग्रहालय और 6 अभिलेखागारों का ऑडिट किया है.

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कैग ने रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि निवासियों द्वारा करवाई जा रही अतिरिक्त मरम्मत परंपरागत नवीनीकरण तकनीकों के अनुरूप नहीं है. इससे विरासतों को नुकसान का खतरा है. नवीनीकरण के कारण स्मारक अपनी महत्ता खो रहे हैं. जीर्ण-शीर्ण स्मारकों के ढहने का खतरा है. इसलिए इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.

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