नासिर बेलिम, उज्जैन। बाबा महाकाल ( Baba Mahakal) कि नगरी उज्जैन में शिव नवरात्रि ( shiv navratri)  कि धूम है। शिव नवरात्रि के छठवें दिन शनिवार को महाकाल का ‘उमा महेश श्रृंगार’ (Uma Mahesh Shringar) किया गया। ‘उमा महेश श्रंगार’ में भगवान शिव (Lord Shiva) की गोद में उमा अर्थात मां पार्वती (Maa Parvati) विराजित हुई। महाकाल के दरबार में विवाह का उत्सव मनाया जा रहा है।

इसे भी पढ़ेः MP Crime News: बड़वानी में पिस्टल और देसी कट्टा के साथ तस्कर गिरफ्तार, इधर ग्वालियर में एक लाख रुपए के स्मैक के साथ युवक पकड़ाया 

बता दें कि महाशिवरात्रि ( mahashivratri)  को लेकर बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में शिव नवरात्री की धूम है। नौ दिनों तक बाबा महाकाल का अलग-अलग रूपों में श्रंगार किया जा रहा है। शिव नवरात्रि के छठवें दिन महाकाल का ‘उमा महेश श्रंगार’ किया गया। महाशिवरात्रि पर महाकाल की शादी की जाएगी।

इसे भी पढ़ेः कमलनाथ का अल्टीमेटम पूरा लेकिन सिर्फ 65% मंडलम कमेटियों का हो पाया गठन, कांग्रेस के कई जिलाध्यक्षों पर गाज गिरना तय, 230 मे से 150 विधानसभा सीटों पर ही मंडलम कमेटियां बन पाई 

9 दिनों तक महाकाल देते हैं दूल्हे के रूप में दर्शन

मान्यता है कि शिव आराधना से वंचित रहनेवाले भक्त मात्र 9 दिनों तक राजाधिराज भगवान महाकाल की आराधना कर साल भर के पुण्य हासिल कर सकते हैं। यही वजह है कि शिव नवरात्रि के पर्व का काफी महत्व माना गया है। भगवान महाकाल को सूखे मेवे, भांग आदि से सजा कर दूल्हा बनाया जाता है। दूल्हा बनाने से पहले विवाह समारोह की सारी परंपराओं का पालन किया जाता है। भगवान महाकाल को हल्दी का उबटन लगाया जाता है। इसके अलावा चंदन लगाकर स्नान कराया जाता है।

इसे भी पढ़ेः MP Panchayat Election: परिसीमन के बाद भोपाल में 35 नई पंचायतों का गठन, अब जिले में कुल 222 पंचायतें, पंचायत चुनाव में हो सकता है ‘खेला’ 

साल भर में केवल एक बार निभाई जाती है परंपरा

ये परंपरा साल भर में केवल एक बार ही निभाई जाती है। पंडे पुजारियों के साथ-सथ श्रद्धालुओं में भी इन परंपराओं को लेकर काफी उत्साह रहता है। महाशिवरात्रि पर्व के अगले दिन भगवान का सेहरा सजता है। इसी के साथ पर्व का समापन होता है।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus