इम्फाल। मणिपुर इन दिनों हिंसा की आग में झुलस रहा है. मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के साथ शुरू हुए विरोध के स्वर अब हिंसा में तब्दील हो चुका है. स्थिति को देखते हुए आठ जिलों में कर्फ्यू लगाने के साथ प्रदेश में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.
बता दें कि बीते बुधवार को मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) की ओर से मार्च बुलाया गया था. इसी मार्च के दौरान चुराचांदपुर में हिंसा भड़क गई थी. मणिपुर में सेना और सशस्त्र बलों की मदद से हिंसा पर काबू पाया गया. इसके साथ अलग-अलग जिलों में हिंसा से प्रभावित करीब चार हजार ग्रामीणों को सेना, सशस्त्र बलों और राज्य सरकार के परिसरों में आश्रय दिया गया. वहीं प्रदर्शन को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है.
अधिकारी के मुताबिक, हिंसा के बाद इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर के अलावा आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इसके साथ ही पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाओं को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया.
छात्र संगठन ने कहा कि राज्य के नेता खुले तौर पर मैतेई की मांग का समर्थन कर रहे हैं और आदिवासी हितों की सामूहिक रूप से रक्षा करनी चाहिए. मैतेई समुदाय मणिपुर के पहाड़ी जिलों में रहता है. समुदाय की ओर से दावा किया गया है कि म्यांमार और बांग्लादेशियों के बड़े पैमाने पर अवैध अप्रवासन के चलते उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
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