राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में रोजगार तो है, लेकिन बेरोजगारी बरकरार है. सरकारी विभागों में नियुक्ति और भर्ती को लेकर स्थिति डामाडोल बनी हुई है. प्रदेश के अलग-अलग विभागों में कई हजार से अधिक पद खाली हैं. बावजूद इसके नौकरी नहीं है. भर्तियां हैं तो परिक्षाएं नहीं, परिक्षाएं हो रहीं तो परिणाम नहीं आ रहा है, परिणाम भी आ गए तो ज्वाइनिंग नहीं हो रही हैं. अब बेरोजगारी का आलम ये है कि कई विभाग तो ऐसे हैं, जहां चयन के बाद भी उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र नहीं दिए जा रहे. नतीजा- उम्मीदवार नौकरी की आस में विभागों के चक्कर काटने में उम्र बीत जा रही है. हालात यह हैं कि पिछले साल जुलाई 2019 की भर्तियों की परीक्षाएं तो हो गई, लेकिन परिणाम नहीं आने से भर्ती अबतक नहीं हुई. लोगों को नौकरी मिली लेकिन ज्वाइनिंग अभी तक नहीं हुई.

शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018

आपको प्रदेश में क्रम से निकलने वाली भर्तियों के बारे में बताते चले कि शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में वर्ग एक और दो में 22 हजार अभ्यर्थी चयनित हुए, लेकिन इन्हें अपनी ज्वाइनिंग का इंतजार अभीतक है. वहीं इसी भर्ती में वर्ग एक में 17 हजार पद और वर्ग दो के लिए पांच हजार पद स्वीकृत हुए, मेरिट लिस्ट भी जारी हो गई. इसके बावजूद अब तक भर्ती प्रक्रिया चल ही रही है. चयन तो दूर अब तक वैरिफिकेशन ही पूरा नहीं हो सका है. जानकारी के मुताबिक स्कूल शिक्षा में ही 70 हजार पद खाली हैं.

पटवारी भर्ती परीक्षा 2017
दूसरी भर्ती पटवारी भर्ती परीक्षा 2017 में 9 हजार 235 पदों के लिए दस लाख परीक्षार्थी परीक्षा में बैठे थे. जिसका परिणाम 26 मार्च 2018 को आया. इसमें 9 हजार 235 पदों के लिए चयन हुआ और 1 हजार 385 अभ्यर्थियों को वेटिंग लिस्ट में रखा गया. इस भर्ती की पहली काउंसलिंग में 7 हजार 800 अभ्यर्थी पहुंचे. आलम यह कि ज्वाइनिंग के बाद 400 ने त्यागपत्र दिया. जबकि दूसरी बार की काउंसलिंग में 1 हजार 435 पदों पर सिर्फ 140 को ज्वाइनिंग दी गई. अब स्थिति यह है कि एक हजार चयनित उम्मीदवारों को तीन साल बाद भी ज्वाइनिंग का इंतजार है. इसके अलावा मध्य प्रदेश जेल प्रहरी परीक्षा 2020 का रिजल्ट आ गया है, लेकिन अब तक फिजिकल चयन नहीं हो सका है.

सिविल सेवा में भी भर्ती नहीं हुई
हालात यह हैं कि पिछले तीन साल से कोई बड़ी भर्ती परीक्षा भी नहीं हुई है. सिविल सर्विसेस की तैयारी करते हुए अभ्यर्थियों के तीन साल बीत गए हैं, लेकिन अब तक MPPSC की भर्ती नहीं हुई.

सिविल सेवा पीएससी 2019 में 560 पदों पर भर्तियां सरकार ने निकाली. जिसकी प्री परीक्षा हुई लेकिन मेन्स परीक्षा मार्च 2021 में हुई. अब इस भर्ती की रफ्तार ये है कि अब तक परिणाम नहीं आया. वहीं सिविल सेवा पीएससी 2020 में प्री-एग्जाम के लिए साढ़े तीन लाख लोगों ने आवेदन किए हैं. 11 अप्रैल 2020 को परीक्षा होनी थी. कोरोना के कारण परीक्षा की तिथि तय नहीं हुई. पीएससी स्टेट इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा 2020 का एक्जाम 30 मई 2021 को होना था, लेकिन इस भर्ती को भी अनिश्चितकालीन के लिए सरकार ने स्थगित कर दिया है.

डेंटल सर्जन परीक्षा 2019
इस परीक्षा के लिए सरकार ने आवेदन तो ले लिए हैं. लेकिन अबतक इसकी परीक्षा नहीं हुई. पुलिस भर्ती परीक्षा 2020 के लिए नवंबर में चार हजार पदों के लिए भर्ती निकाली गईं, इसके लिए 12 लाख से अधिक लोगों ने आवदेन किया, लेकिन इसकी भी परीक्षा अबतक नहीं हुई. वहीं प्रदेश में चार साल से सब-इंस्पेक्टर की भर्ती ही नहीं निकाली गई है.

26 लाख 17 हजार से अधिक बेरोजगार
बता दें कि प्रदेश में रजिस्टर्ड 26 लाख 17 हजार 194 बेरोजगारों हैं. रोजगार पंजीयन ऑनलाइन में 26 लाख से अधिक युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इसमें से ऐसे कई हजारों युवा होंगे जो ओवरऐज हो गए. हालांकि अभी भी इन युवाओं को नौकरी का इंतजार है और सरकार से आस लगाकर बैठे हैं.

इसे भी पढ़ें ः हनीट्रैप की आंच पहुंची पूर्व सीएम तक! एसआईटी ने मांगी पेन ड्राइव, BJP ने की कमलनाथ पर FIR दर्ज करने की मांग, कहा- इससे वो कौन से राजनैतिक हित साधना चाहते हैं