अजय गुप्ता. कोरिया. जिले के भरतपुर विकासखंड के 12 गांवों के विद्युतीकरण में बड़े फर्जीवाड़े की बात सामने आई थी. अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर लगभग 1 करोड़ रूपये डकार लिए. इस मामले में जनकपुर व्यवहार न्यायालय में परिवाद दायर किया गया था. जिस पर आज न्यायालय ने पुलिस को दोषियों के खिलाफ अपराध दर्ज करने आदेश दिया है.

राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना के तहत भरतपुर के 12 गांवों को 11 केवी बिजली पहुँचाने तीन करोड़ दो लाख 39 हजार रूपये बजट जारी किया गया था. कई गांवों में बिजली लाइन बिछाये बिना ही पैसों का आहरण कर लिया गया. लगभग 94 लाख 4 हजार 391 रूपये का फर्जीवाड़ा की बात सामने आई है. इस मामले में टी.श्रीनिवास राव की ओर से परिवाद प्रस्तुत करने के बाद जनकपुर न्यायालय ने इस मामले में आरोपियों के विरूद्ध अपराध दर्ज करने के निर्देश दिये.

इस मामले में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड मनेन्द्रगढ़ के तत्कालीन कार्यपालन अभियंता, सहायक अभियंता व जनकपुर के कनिष्ठ अभियंता समेत पीएसआर ऐलिकॉन प्रायवेट लिमिटेड हैदराबाद, आंध्रप्रदेश समेत सह कंपनी के पांच ठेकेदार के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की गई है. बहरहाल अधिकारियों व ठेकेदारों के इस फर्जीवाड़ा के चलते भरतपुर क्षेत्र के लोगों के घरों मेंअब जाने कब उजाला हो पायेगा? क्योंकि आज भी भरतपुर-जनकपुर क्षेत्र के लोग मध्यप्रदेश की बिजली पर आश्रित हैं. वहीं ऐसे कई गांव हैं जहां आज भी बिजली नही पहुंच पाई है.