नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने स्टेट लेवल एनवायर्नमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण) और स्टेट लेवल एक्सपर्ट अप्रेजल कमिटी (राज्य स्तरीय विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति) के गठन को अधिसूचित कर दिया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि समिति बनने से आवेदनों का निस्तारण करने में आसानी होगी, साथ ही परियोजनाओं की पर्यावरण मंजूरी के लिए अब केंद्र सरकार के फैसले का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अब दिल्ली सरकार द्वारा इसकी मंजूरी दी जाएगी. इसके अलावा राज्य में पर्यावरण प्रभाव का आकलन अधिक मजबूती और पारदर्शी तरीके से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केजरीवाल सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है और सरकार मानकों से किसी तरह का समझौता नहीं करेगी.

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दिल्ली में 3 साल के लिए एसईएसी का गठन

दिल्ली के लिए राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईएए) और राज्य स्तरीय विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (एसईएसी) का गठन 3 साल के कार्यकाल के लिए किया गया है. एसईआईएए के अध्यक्ष सर्वज्ञ कुमार श्रीवास्तव और सदस्य के रूप में रीना गुप्ता को नियुक्त किया गया है. दिल्ली सरकार के विशेष सचिव (पर्यावरण) इसके सदस्य सचिव होंगे.

केंद्र सरकार की मंजूरी की अब नहीं होगी जरूरत
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अब पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता वाली ‘बी’ श्रेणी की परियोजनाओं को केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अब दिल्ली सरकार द्वारा ही बिना विलम्ब किए मंजूरी दी जाएगी. साथ ही हम इस व्यवस्था को अधिक मजबूत और पारदर्शी भी बनाएंगे. पर्यावरण संरक्षण दिल्ली सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है. हम इससे कोई समझौता नहीं करेंगे.

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दिल्ली सरकार ने 2020 में विशेषज्ञों के नामों के साथ एसईआईएए-एसईएसी के पुनर्गठन के लिए अपना प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था. कई बैठकों के बाद अंततः अधिसूचना जारी की गई थी. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पर्यावरण संरक्षण नियमों के अनुसार‌ सभी ‘ए’ श्रेणी की परियोजनाओं (मेगा परियोजनाओं) को एमओईएफसीसी की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति द्वारा अनुमोदित किया जाता है, जबकि सभी ‘बी’ श्रेणी की परियोजनाओं (बड़ी परियोजनाओं) को राज्य स्तर पर अनुमोदित किया जाता है.

प्राधिकरण की मासिक बैठक का आयोजन

वहीं, प्राधिकरण की ओर से मासिक बैठक का आयोजन किया जाएगा. जिससे निर्णय लेने में तेजी आएगी और मामलों की पेंडेंसी कम होगी. प्राधिकरण उन परियोजना स्थलों के नियमित निरीक्षण को अनिवार्य कर सकता है, जिन्हें पर्यावरण मंजूरी (ईसी) प्रदान की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया सके कि वे सभी मानदंडों का अनुपालन कर रहे हैं. यदि किसी परियोजना में उल्लंघन में पाया जाता है‌, तो प्राधिकरण पर्यावरणीय मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उचित निर्णय ले सकता है. किसी भी परियोजना स्थल पर कोई भी शख्स नियमों का उल्लंघन पाता है, तो वह प्राधिकरण से संपर्क कर सकता है.

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गजट अधिसूचना के अनुसार, एसईआईएए का अध्यक्ष सर्वज्ञ कुमार श्रीवास्तव और सदस्य के रूप में रीना गुप्ता को नियुक्त किया गया है. दिल्ली सरकार के विशेष सचिव (पर्यावरण) इसके सदस्य सचिव होंगे. राज्य स्तरीय विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (एसईएसी) की सिफारिशों पर एसईआईएए अपना निर्णय लेने के लिए बाध्य है. केंद्र सरकार ने एसईएसी के गठन को भी अधिसूचित किया, जिसमें एक अध्यक्ष, 11 सदस्य और एक सदस्य सचिव शामिल थे.

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दिल्ली एसईआईएए का पुनर्गठन

एसईआईएए की सदस्य रीना गुप्ता ने कहा कि हमें बहुत खुशी है कि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली एसईआईएए का पुनर्गठन किया गया है. अब राज्य स्तर पर मंजूरी और निगरानी के फैसले लिए जा सकेंगे. हम कानून के तहत प्रक्रिया को और अधिक मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए तत्पर हैं.