विप्लव गुप्ता, पेंड्रा. विकासखण्ड में 2 दिवसीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता के आयोजन में भारी अव्यवस्था नजर आयी, 450 बच्चो के आयोजन में न तो मैदान तैयार था, न ही बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था की गयी थी. नतीजा खेल खेलने आये उत्साही बच्चे मायूस होकर चले गए. अव्यवस्था से शिक्षको में भी काफी आक्रोश नजर आया पर आयोजन कर्ता अधिकारी आगे अच्छी व्यवस्था देने की बात कहकर पल्ला झाड़ते नजर आए.

खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री की खेलो इंडिया की तर्ज पर पेण्ड्रा विकासखण्ड में आयोजित 2 दिवसीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता अव्यवस्थाओ की भेंट चढ़ गयी. विभिन्न स्कूलों के 225 प्रायमरी और 225 मिडिल स्कूल के छात्र छात्राओं को ब्लाक मुख्यालय बुलाकर स्थानीय फिजिकल कॉलेज के मैदान में दौड़, खो खो, कबड्डी और एथलेटिक्स का आयोजन किया जाना था, जिसके लिए विभिन्न स्कूलों के चयनित बच्चों को उनके शिक्षकों के साथ सुबह 10 बजे बुलाया गया था पर शाम तक के आयोजन में ये सारे खेल होने थे पर 5 घंटे बाद भी न तो कोई खेल अधिकारी पहुँचा न ही खेलों के लिए मैदान ही तैयार थे. नतीजा घंटों इंतजार करने के बाद बच्चे मायूस हो कर चले गए. बदइंतजामी का आलम यह था कि दूर दूर से बच्चों के लिए भोजन व्यवस्था तो दूर पानी का इंतजाम भी नहीं था. यहाँ तक कि अगर खेल के दौरान कोई चोटिल हो जाये तो फर्स्ट एड भी नहीं था. जिससे शिक्षकों भी काफी रोष में नजर आया. उनका कहना था कि आज तक उन्होंने ऐसे बदइंतजामी नही देखी थी.
हालांकि 450 बच्चों के इस वृहद आयोजन को लेकर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ने 4 खेल शिक्षकों की नियुक्ति कर रखी थी और आयोजन की रूप रेखा भी तैयार कर जिम्मेदारी दे रखी थी और खुद के मीटिंग में होने की वजह से हुई अव्यवस्था पर खेद जताते आगे बेहतर व्यवस्था देने की बात कह रहे हैं. जबकि जिला शिक्षा अधिकारी मामले की जानकारी न होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ते नजर आए.