अजय शर्मा। मध्यप्रदेश में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) होने हैं. 2018 से 2023 के इस कार्यकाल का साढ़े चार साल बीत चुका है. साल खत्म होते-होते जनता फिर अपनी सरकार चुनेगी. यानी एक बार फिर जनप्रतिनिधियों की आवाम की उम्मीदों पर खरा उतरने की बारी है. एमपी की 230 विधानसभा सीटों में मौजूदा हालात क्या हैं, क्षेत्र की क्या स्थिति है, कौन सा विधायक कितने पानी में है ? इन सभी का जवाब अब विधायक जी का रिपोर्ट कार्ड (vidhayak ji ka Report Card) देगा. लल्लूराम डॉट कॉम आपको सूबे के सभी विधायकों की परफॉमेंस और उनके क्षेत्रों की जमीनी हकीकतों के बारे में बताने जा रहा है. विधायक जी का Report Card में आज बात शमशाबाद विधानसभा (Shamshabad Assembly) की करने जा रहे हैं.
विदिशा लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र कृषि बहुल क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है. क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कृषि का कारोबार और उपजाऊ जमीन क्षेत्र को कृषि प्रधान क्षेत्र के रूप में समेटे हुए हैं. संपन्न किसानों से भरपूर इस विधानसभा क्षेत्र में आज भी मूलभूत जरूरतों के लिए लोग तरस रहे हैं. यहां के लोगों के सामने सड़क पानी बेहतर आवागमन से जुड़ी हुई परेशानी कायम है. क्षेत्र के विधायकों ने मंत्रियों ने तमाम बड़े बड़े वादे स्थानीय लोगों से जरूर किए लेकिन वह दावे समय के साथ दम तोड़ते चले गए और आज भी क्षेत्र की जनता अपने विधायकों से विकास की राह तक रही है. शमशाबाद विधानसभा में यूं तो पलड़ा बीजेपी का भारी रहा. लेकिन इस बार दोनों ही दलों ने नए चेहरों को मौका दिया जिसमें बाजी बीजेपी के हाथ लगी. यहां राजश्री रूद्र प्रताप सिंह विधायक (BJP MLA Rajshree Rudra Pratap Singh) हैं.
सियासत के नए चेहरों पर दांव
विदिशा जिले में आने वाली संसदीय क्षेत्र की शमशाबाद विधानसभा सीट के लोगों के लिए भाजपा-कांग्रेस दोनों ही प्रत्याशी नए थे. यहां अव्यवस्थित बस स्टैंड, बायपास को छोड़ कोई बड़ा स्थानीय मुद्दा नहीं है. शमशाबाद लोकल में मोदी फैक्टर का असर दिखा. गांवों में यह कुछ कम है. दोनों ही प्रत्याशी बहुत कम गांवों को छू पाए हैं. लोग इन्हें अच्छी तरह जानते भी नहीं. पार्टी का चुनाव चिन्ह ही वोट का आधार बनेगा. इस विधानसभा के जातिगत समीकरण की बात करें, तो यहां यादव वोटर सबसे ज्यादा हैं, लेकिन निर्णायक नहीं. पिछले दो विधानसभा चुनाव में इसी समाज की कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना यादव को लगातार हार का सामना करना पड़ा.
दोनों बार हार का अंतर ज्यादा नहीं रहा, कांग्रेस प्रत्याशी रही ज्योत्सना यादव
दिग्विजय सिंह के करीबी पूर्व विधायक व विदिशा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मेहताब सिंह यादव की बहू हैं. क्षेत्र के लोगों से चर्चा में यह बात निकलकर सामने आई कि बड़े समाज को यहां के अन्य समाज और व्यापारी वर्ग किसी भी तरह से हावी होने देना नहीं चाहते. लिहाजा उनकी मोनोपाली को खत्म करने के लिए वे जिस तरफ रुख करते हैं. दूसरी समाज और खासकर व्यापारी वर्ग पूरी एकजुटता से दूसरे पाले में चले जाते हैं. यहां दूसरी बड़ी समाज मीणा है. इस समाज के सूर्य प्रकाश मीणा 2013 में भाजपा के विधायक चुने गए और राज्यमंत्री रहे. भाजपा की सिटिंग विधायक राजश्री के पति रुद्र प्रताप सिंह पूर्व में निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक बने थे. वे कांग्रेस में रहने के बाद कुछ साल पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे. उनका क्षेत्र में अच्छा रुतबा है.
भाजपा की परंपरागत सीटों में से एक
शमशाबाद विधानसभा सीट के वोटरों की कुल संख्या 1 लाख 67 हजार के करीब है. यह भाजपा की परंपरागत सीटों में से एक है. नगर परिषद में भाजपा-कांग्रेस के पार्षदों की संख्या 7-7 है. 2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने 20 हजार मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी. इसके बाद के दो चुनावों में भाजपा की जीत का अंतर कम रहा. जनपद पंचायत नटेरन के अध्यक्ष भाजपा के हैं. शमशाबाद पहले विदिशा संसदीय क्षेत्र में शामिल था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बांध बनवाकर किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया था. जिससे यहां पैदावार पहले से बढ़ गई है. चौहान का इस क्षेत्र के लोगों से जुड़ाव रहा है. लिहाजा इसका फायदा भाजपा को पिछले विधानसभा चुनाव में मिलता रहा है. क्षेत्र में मोदी लहर के आगे कांग्रेस की कर्ज माफी और न्याय योजना का जोर कम दिख. चुनाव तक किसान किस तरफ जाएंगे यह स्पष्ट नहीं कहा जा सकता. शमशाबाद लोकल में साहू समाज ज्यादा है, जो कि एक बड़ा व्यापारी वर्ग है. इस विधानसभा में यादव समाज भी बड़ी संख्या में हैं. इस बार यादव समाज भी बीजेपी से टिकट मांगने की जुगत में हैं.
ये हैं जातिगत समीकरण
इस विधानसभा क्षेत्र के अपने जातिगत समीकरण हैं और इन्हीं जातिगत समीकरणों पर निर्भर करती है यहां की तस्वीर.
यहाँ यादव- 65-70 हजार मीणा- 35-40 हजार. साहू- 15 हजार मुस्लिम- 5 हजार व अन्य.
भाजपा- कांग्रेस प्रत्याशियों के दो चुनाव की स्थिति
2013
सूर्य प्रकाश मीणा (भाजपा) 54233 वोट
ज्योत्सना यादव- (कांग्रेस) 51075 वोट
2018
राजश्री रुद्र प्रताप सिंह (भाजपा) 62607 वोट
ज्योत्सना यादव (कांग्रेस) 55267 वोट
विधानसभा क्षेत्र का पुराना इतिहास
यह भाजपा के प्रभाव वाली सीट रही है. यह विधानसभा क्षेत्र वर्ष 1977 में अस्तित्व में आया. पहले यह क्षेत्र बासौदा और विदिशा विधानसभा में आता था. अलग विधानसभा क्षेत्र बनने से लेकर अब तक आठ चुनावों में कांग्रेस यहां से मात्र एक बार चुनाव जीत सकी है.
यह क्षेत्र की स्थिति
कुल मतदाता : 1, 76,529
मतदान केंद्र : 248
पुरुष मतदाता : 94,825
महिला मतदाता : 81,704
थर्ड जेंडर : 00
क्षेत्र की बड़ी समस्याएं –
शमशाबाद में बायपास का न होना बड़ी समस्या है. संकरा बाजार और संकरी सड़कों के कारण आवागमन प्रभावित होता है. जिसका असर व्यापार पर भी पड़ने लगा है. इसके अलावा स्थानीय कॉलेज में नियमित स्टाफ का न होना युवाओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है. क्षेत्र की सड़कें बेहद जर्जर खराब हालत में है जिसके चलते आवागमन दिन भर प्रभावित रहता है.
बड़े वादे और स्थिति
बायपास बनवाने का वादा अधूरा है. शमशाबाद में स्टेडियम का निर्माण तो शुरू हो गया लेकिन वह भी अधूरा पड़ा है. लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की बात कही गई थी. इसके लिए योजना भी मंजूर हो गई, लेकिन काम पूरा नहीं होने की वजह से लोगों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है.
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