शरद पाठक, छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 3 साल के बच्चे की धोखे से जहर खाने से जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों में डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा कर दिया।

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दरअसल, शनिवार शाम को भूला मोहगांव में 3 साल के मासूम ने चूहा मारने वाला पेस्ट धोखे से खा लिया था। जिसके बाद परिजन ने मासूम बच्चे को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन रविवार को मासूम की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद मासूम के परिजनों ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा कर दिया।

परिजनों का कहना था कि जब वे बच्चे को अस्पताल में इलाज के लेकर आए थे, तो जांच के बाद डॉक्टरों ने सब कुछ नॉर्मल बताया था। सुबह भी उन्होंने अस्पताल के बाहर बच्चे के खून की जांच कराई, जिसके बाद भी डॉक्टरों ने स्थिति नॉर्मल बताया था और उन्हें धोखे में रखा। 3 बजे डॉक्टरों से बच्चे की स्थिति का जायजा लेने के लिए कहा था, लेकिन डॉक्टर बच्चे की जांच करने नहीं पहुंचे और करीब 5 बजे जब बच्चे को तकलीफ हुई तो नर्स के द्वारा एक इंजेक्शन लगाया गया और इंजेक्शन लगाने के तुरंत बाद मासूम की मौत हो गई।

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परिजनों ने डॉक्टर और प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। वहीं हंगामा को बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद करीब दर्जनभर पुलिसकर्मी अस्पताल में तैनात किए गए। परिजनों का कहना है कि वे बच्चे की मौत की निष्पक्ष जांच कराना चाहते हैं और दोषियों पर कार्रवाई चाहते हैं।

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वहीं इस मामले में सिविल सर्जन का कहना है कि बच्चे का प्रॉपर तरीके से ट्रीटमेंट किया जा रहा था, लेकिन बच्चे ने ज्यादा मात्रा में जहर का सेवन कर लिया था, अचानक कई बार ऐसा होता है कि जहर खुरानी के मामले में व्यक्ति स्टेबल दिखाई देता है लेकिन अचानक अटैक जैसी स्थिति बनती है। बच्चे के साथ भी ऐसा ही हुआ और उसकी मौत हो गई। फिलहाल मामला जांच में है।

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बता दें कि जिला अस्पताल पर लापरवाही का यह कोई पहला आरोप नहीं है हमेशा जिला अस्पताल लापरवाहियों के मामले में सुर्खियों में रहता है। मासूम बच्चे की मौत के बाद अस्पताल में भर्ती दूसरे मरीजों के परिजनों ने भी बताया कि लाखों में मिन्नतों के बाद भी मरीजों को देखने के लिए कोई भी डॉक्टर अस्पताल में समय से नहीं पहुंचता है, जिसकी वजह से कई मरीजों की मौत हो जाती है।

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