संजय विश्वकर्मा, उमरिया। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की विकास यात्रा (Vikas Yatra) शुरु हो गई है। उमरिया जिले (Umaria) के हरिजन वार्ड में पूर्व जनजातीय कार्य मंत्री और पूर्व सांसद ज्ञान सिंह की मौजूदगी में विकास यात्रा प्रारंभ की गई। संत रविदास (Sant Ravidas) के तैल चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित और कन्या पूजन कर यात्रा का शुभारंभ किया गया। इधर बीजेपी के पार्षद ने उपेक्षा का आरोप लगाया है। शहर में कचरा उठाने वाले वाहन से विकास यात्रा की शुरुआत की गई, फिर आनन-फानन में प्रचार वाहन को रथ बनाया गया।

विकास यात्रा में भाजपा के पार्षद ही निराश

आज पूरे प्रदेश में बीजेपी विकास की गाथा लोगों तक पहुंचाने संत रविदास जयंती (Sant Ravidas Jayanti) के अवसर पर विकास यात्रा का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में वार्ड पार्षद अधिकारियों की तानाशाही का शिकार हो गए। संत रविदास के अनुयायी पार्षद सुशील रैदास का नाम न तो कार्ड में और न ही मंच पर कुर्सी में लिखा था। बाद में उन्हें मंच पर बुलाया गया।

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इस उपेक्षा को लेकर पार्षद ने स्वयं अपने अपमान की बात कही है। वहीं यह भी देखने को मिला कि पूर्व में भाजपा ने जिन नेताओं को पार्टी से बाहर किया था, उनका नाम मंच पर दर्शाया गया। मंच से संत रविदास जी की कथाओं पर फोकस किया जा रहा था और उनके अनुयायी के साथ ही नगर पालिका और जिम्मेदार अधिकारी ने ध्सायान नहीं दिया।

पहले कचरा वाहन फिर प्रचार वाहन बना रथ

मध्यप्रदेश में आज 05 फरवरी से राज्य सरकार की विकास यात्रा सभी जिलों से आरंभ हुई है। चुनावी वर्ष में प्रदेश की भाजपा सरकार और चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh) के कार्यकाल की उपलब्धियों को जनता तक पंहुचाने के माध्यम के रूप में सभी तैयारीयों के साथ शुरू की जानी थी। जिसमें अत्याधुनिक एलईडी विकास योजनाओं के बैनर पोस्टर से लबरेज रथ वाहन को हरी झंडी दिखाई जानी थी।

विकास यात्रा के रथ में केंद्र और राज्य सरकार की प्रत्येक जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रदर्शन फ्लैक्स बैनर से किया जाना था। सप्ताह भर पूर्व से जिला स्तर पर इसकी तैयारी की जा रही थी, लेकिन उमरिया जिला मुख्यालय में राज्य सरकार की यह महत्वपूर्ण विकास यात्रा अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। नगर में कचरा उठाने वाले वाहन से विकास यात्रा की शुरुआत की गई। जिसमें फूल माला के साथ महज विकास यात्रा का एक पोस्टर चिपका हुआ था।

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मीडिया ने सवाल उठाया तो जिम्मेदार अफसरों ने कचरा वाहन से पोस्टर और फूल उतारकर दूसरे वाहन में टंगा दिए और यात्रा को हरी झंडी दिखा दी। बांधवगढ़ (Bandhavgarh) के भाजपा विधायक शिवनारायण सिंह (Shivnarayan Singh) से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने भी हैरान कर देने वाला जवाब देते हुए बताया कि विकास यात्रा में रथ या कोई वाहन है। इस बात की उन्हें जानकारी नहीं है। सवाल इस बात का है कि जब विकास यात्रा की शुरुआत में अधिकारियों की लापरवाही खुलकर सामने आ गई है, तो 20 दिन चलने वाली इस यात्रा में जनता को अपेक्षित लाभ मिलेगा या नहीं यह देखना होगा।

प्रचार रथ में सावधानी बरतने के मिले थे निर्देश

विकास यात्रा में चलने वाले प्रचार रथ के वाहन को लेकर भी विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें वाहनों का चयन करने से पहले उसका बीमा (Insurance), फिटनेस (Fitness) जांचने को कहा गया। इसके साथ ही ये ध्यान रखना होगा कि प्रचार रथ के लिए चुने गए वाहन पर कोई पुलिस केस (Police Case) या कोर्ट (Court) में कोई केस पेंडिंग (Case Pending) तो नहीं है। ऐसे वाहनों को प्रचार रथ में न लगाया जाए। हर विधानसभा में एक प्रचार रथ संचालित किया जाएगा।

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प्रचार रथ में होनी थी ये व्यवस्थाएं

वाहन में एलईडी स्क्रीन, ऑडियो विजुअल सिस्टम। अच्छी क्वालिटी के माइक साउंड सिस्टम, पावर बैकअप, जेनसेट की व्यवस्था। वाहन के साथ एक एंकर, दो प्रमोटर, डीवीडी प्लेयर, एलसीडी, प्रोजेक्टर के साथ चार बड़ी दरी
केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के पम्पलेट्स।

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