शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं में जुबानी जंग तेज है। पीसीसी चीफ कमलनाथ के प्रशासन पर पक्षपात करने के आरोप पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रस्सी जल गई, लेकिन बल नहीं गया। कमलनाथ जब मुख्यमंत्री थे, तब भी अधिकारी-कर्मचारी को धमकाते और अपमान करते थे। आज जब मुख्यमंत्री नहीं है, तब भी पुलिस प्रशासन, अधिकारी- कर्मचारी को धमका रहे हैं। वह समझ गए हैं कि कांग्रेस पूरी तरह हार रही है, अब हार का ठीकरा किसी ना किसी के सर पर फोड़ना है। इसलिए पुलिस-प्रशासन के सिर पर हार का ठीकरा फोड़ा जा रहा है।

सीएम ने कहा कि कमलनाथ जी, यह क्यों नहीं समझते, जब आप मुख्यमंत्री थे, आप की सरकार थी, तब आपने कई गरीबों के मकान वापस लौटा दिए। कई गरीबों को मकान से वंचित कर दिया। संबल योजना बंद कर दी और जो हमारी माताएं-बहनें बेटा-बेटी को जन्म देती थी, हम उनको 16 हजार देते थे, वह 16 हजार भी आपने छीन लिए थे। कन्यादान योजना अपने बंद कर दी थी। गरीब बच्चों की फीस भरवाना आपने बंद कर दिया था। दुर्घटना पर जो 4 लाख पैसे देते थे, वह छीन लिया। अंतिम संस्कार के कफन के भी 5 हजार कमलनाथ जी आपने और कांग्रेस ने छीन लिए। अब जब जनता नाराज हो गयी। आपको हरा रही है, तो आप अधिकारियों और कर्मचारियों को अपमानित कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। हार का ठीकरा उनके ऊपर फोड़ रहे हैं। सीएम ने कहा कि हमारा प्रशासन निष्पक्ष है और निष्पक्षता के साथ काम कर रहा है। कर्मचारी-अधिकारी, पुलिस प्रशासन का भी अपमान आपको महंगा पड़ेगा।

बता दें कि कमलनाथ ने आज सुबह बीजेपी पर चुनाव में पुलिस, पैसा और प्रशासन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।उन्होंने कहा था कि बीजेपी इस चुनाव में पुलिस, पैसा और प्रशासन का इस्तेमाल कर रही है। मेरे पास कई फोन आ रहे हैं। प्रशासन, पुलिस और पैसे का दबाव बनाया जा रहा है। साथ ही कमलनाथ ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि सब याद रखें, कल के बाद परसों आएगा। उम्मीदवारों से पक्षपात करने वाले अधिकारियों की रिपोर्ट मंगा रहे हैं। जिन अधिकारियों ने पंचायत से लेकर ऊपर तक पक्षपात कर प्रजातंत्र को दबाया, उनकी रिपोर्ट मंगा रहे हैं।

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