(सुधीर दंडोतिया की कलम से)
पूर्व मंत्री ने लगाया सामाजिक जोर
मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए वैसे तो विधायक सभी समीकरणों से जोर आजमाइश कर रहे हैं. लेकिन तीसरी बार मंत्री बनने की जुगत में जुटे एक विधायकजी असफल होते हुए दिखाई दिए, तो उन्होंने समाज की सामाजिकता पर जोर दे दिया. इन पूर्व मंत्री ने टीम के सामने जोर से बात रखी कि प्रदेश से प्रतिनिधित्व होने के साथ उनकी अपनी विधानसभा में भी समाज का दबदबा है. सरकार में समाज का प्रतिनिधित्व देने के लिए उनको हर हाल में मंत्री बनाना ही होगा. हालांकि टीम के बीच वजनदारी से रखी गई ये बात दिल्ली तक पहुंची. अब हाईकमान इस बात को किस अंदाज में लेता है देखना दिलचस्प होगा.
बड़े साहब की कुर्सी छोड़ मेजबानी
मध्य प्रदेश में मंत्रियों के चेहरे कौन होंगे, यह अब तक सिर्फ कयासों तक ही सीमित है और इसका असर प्रदेश के सबसे बड़े प्रशासनिक कार्यालय यानी मंत्रालय में भी दिखाई दे रहा है. हुआ यूं कि मंत्री की दौड़ में शामिल बताए जा रहे एक विधायक काम से बड़े साहब के चैंबर में पहुंचे. तो साहब ने अपनी कुर्सी से उठकर विधायकजी की मेजबानी की. मंत्रालय में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि साहब को लग रहा है कि पता नहीं कौन विधायक उनके विभाग का मंत्री बन बैठे. बस आगे के इसी शिष्टाचार को देखते हुए साहब विधायकजी की कुर्सी छोड़ मेजबानी कर बैठे.
नए रंग में नजर आएंगे पटवारी
मध्य प्रदेश कांग्रेस के युवा चेहरे जीतू पटवारी का कलेवर अब बदला हुआ नजर आएगा. प्रदेश कांग्रेस के नए चीफ जीतू पटवारी पहले की तरह तीखे सवाल, एग्रेसिव नेचर और हर मोर्चा पर सबसे आगे खड़े तो रहेंगे, लेकिन उनकी बाॅडी लैंग्वेज से लेकर बात रखने का लहजा बदला हुआ दिखाई देगा. कारण है प्रदेश कांग्रेस की बाॅडी को नए सिरे से और नई उर्जा के साथ खड़ा करना. जीतू कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव की तैयारी के अनुसार नए सिरे से खड़ा तो करेंगे ही. साथ ही प्रदेश कार्यालय की बैठक व्यवस्था भी दुरुस्त करने जा रहे हैं. इसकी तैयारी किसी और ने नहीं बल्कि खुद जीतू पटवारी ने शुरू की है.
पीसीसी चीफ का बंगला प्रेम
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के एक नए नवेले विधायक जी ने अपने पीसीसी चीफ के लिए बंगले को त्याग दिया है. पीसीसी चीफ साहब विधानसभा का चुनाव हार गए हैं जिसके कारण उनको बंगला खाली करना है, लेकिन अब उनके करीबी विधायक जो पहली बार चुनाव जीत कर आए हैं उन्होंने यह बंगला पीडब्ल्यूडी विभाग से आवेदन देकर मांगा है. यानी बंगला आवंटित होगा नव नियुक्त विधायक के लिए, लेकिन रहेंगे जीतू पटवारी… लेकिन अब पटवारी के अरमानों पर पानी फिरता दिख रहा है. खबर है की ये बंगला पूर्व विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम ने मांगा है क्योंकि उन्हें विधानसभा अध्यक्ष वाला बंगला खाली करना है. अब देखना होगा पिछले 10 साल से बंगले में काबिज जीतू पटवारी बंगले मे डटे रहते है या फिर बंगला छोड़ते है.
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