शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में एक लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया है। लेकिन यह वादा कहीं अन्य घोषणाओं की तरह ही अधर में ना लटक जाए। मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है।

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दरअसल, कर्मचारियों के चयन वाली एजेंसी में अधिकारियों का संकट बना हुआ है। बोर्ड में एग्जामिनर कंट्रोलर और असिस्टेंट एग्जामिनर कंट्रोलर के पद खाली हैं। ऐसे में 1 लाख पदों पर भर्ती की प्रक्रिया सवालों के घेरे में आई है। कर्मचारी चयन बोर्ड ने सरकार को पत्र लिखकर एजेंसी में अधिकारियों की कमी होने की बात बताई है। वहीं कर्मचारी चयन बोर्ड के पत्र के बाद उच्च शिक्षा विभाग से डेपुटेशन में अधिकारियों को पदस्थ करने की तैयारी की जा रही है।

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बता दें कि हाल ही में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। इसी क्रम में हाल ही में कुछ भर्तियां निकाली भी गई है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार लाखों अभ्यर्थी परीक्षाओं में शामिल होंगे, जिससे मानव संधासन की अवाश्यकता होगी। लेकिन कर्मचारी चयन बोर्ड में अधिकारियों की कमी बनी हुई है।

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