राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक बार फिर आईफा अवार्ड (IIFA Award) पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस के आईफा आयोजन करने के ऐलान पर भारतीय जनता पार्टी ने तंज कसा है। वहीं सनातन धर्म को लेकर बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा के बयान पर कहा कि उन्होंने सही कहा है।

दरअसल, श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के पावन अवसर पर दक्षिण पश्चिम विधानसभा के नेहरु नगर चौराहे पर भव्य मटकी फोड़ प्रतियोगिता व विशाल जन्माष्टमी महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें पूर्व कानून मंत्री व वर्तमान कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा और बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा शामिल हुए। इस दौरान पीसी शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर आईफा अवार्ड कराएंगे। इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है।

MP में कांग्रेस कराएगी IIFA अवार्ड: पूर्व कानून मंत्री ने किया ऐलान, अभिनेता गोविंदा बोले- सनातन समुद्र की तरह, वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कही ये बात

भोपाल के पूर्व सांसद आलोक संजर (Alok Sanjar) ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में नहीं आएगी। ठोकर खाकर लोग सबक ले लेते हैं, लेकिन कांग्रेस ठोकर खाकर भी सबक नहीं ले रही है। प्रदेश में उन कार्यों को करने की जरूरत जिससे जनता सीधे लाभान्वित हो। वहीं बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा वो स्वयं की हेल्थ के लिए इस प्रकार का अवार्ड करते हैं। हम जनता के लिए हेल्थ की बात कर रहे हैं।

एक्टर गोविंदा के सनातन धर्म को लेकर दिए बयान पर आलोक संजर ने कहा कि हमारे गोविंद की सीख भी सनातनी है। सनातन धर्म व्यवस्था को जिसने अपनाया, उसका जीवन सफल और सुखमय हुआ। अभिनेता ने सही कहा है।

वन नेशन वन इलेक्शन पर बयान बाजी के बजाय सुझाव दें गोविंदा- बीजेपी

गोविंदा के वन नेशन वन इलेक्शन के बयान पर भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि बयान बाजी के बजाय सुझाव दें। सबको अपने मन की बात कहना चाहिए। संसद में भी कहना चाहिए संसद के बाहर भी कहना चाहिए। गोविंद को भी सुझाव देना चाहिए, वे कांग्रेस के सांसद रहे हैं, उन्हें अपने नेताओं को सुझाव देना चाहिए कि संसद में जाकर सुझाव दें।

अभिनेता गोविंदा ने कही थी ये बात

आपको बता दें कि सनातन पर बहस के बीच अभिनेता गोविंदा ने कहा था कि सनातन समुद्र की तरह है। समुद्र किसी पर रोक-टोक नहीं लगाता। वह अपनी विशालता का प्रभाव देता है, वह यह नहीं कहता तुम रुको, तुम ठहरो, तुमसे नहीं मिलेंगे, समुद्र मातृत्व भाव है। उससे बढ़कर कुछ भी नहीं है।

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वहीं गोविंदा ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कहा था कि पक्ष की अलग सोच होती है, हम हमारे अलावा और किसी की नहीं सोचते। यह पक्ष की अपनी सोच हो सकती है। देश में हर किसी को पर्सनल टच चाहिए हर किसी को सोच चाहिए। प्रतिक्रिया वालों को भी सामने आना चाहिए। ऐसा थोड़ी है कि आप ईश्वर हो गए। हर व्यक्ति विशेष को मंच दिया जाए, उसे दिल की बात कहने का मौका दिया जाए। आप ही आप हैं तो फिर क्या आप हैं। यदि क्रिया की प्रतिक्रिया के लिए लोग ना हो तो क्रिया के भाव खुद ही नहीं समझ पाते।

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