शरद पाठक, छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कर्ज में डूबे एक किसान ने जहर खाकर जान दे दी। मृतक किसान के परिजनों ने बैंक पर धमकी देने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि बैंक अधिकारी वसूली के लिए दबाव बनाते थे। वहीं इस मामले में अधिकारी बयान देने से बच रहे हैं।

किसानों के उत्थान के लिए सरकार अनेक दावे करती है, इसके बावजूद किसानों की आत्महत्या करने का मामला सामने आते रहता हैं। छिंदवाड़ा के मोहखेड़ ब्लॉक में रजेगांव के 55 वर्षीय किसान रामपथ पिता गणपत पवार ने कल सल्फास खाकर अपनी जान दे दी। किसान पर करीब ढाई लाख रुपये का कर्ज था। जिसकी वसूली के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था।

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बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसल चौपट हो गई थी। जिसके कारण किसान अपना कर्जा नहीं चुका पा रहा था। मृतक की कुल 4 एकड़ जमीन थी और वहीं उसके जीवन यापन का साधन था।

इधर मृतक के परिजनों का आरोप है कि बैंक अधिकारी लगातार वसूली के लिए धमकियां दे रहे थे। मृतक की पत्नी कुश्मीरा ने बताया कि 2 दिन पहले भी बैंक अधिकारी घर आए थे और संपत्ति की कुर्की कराने की धमकी दे रहे थे, जिसे लेकर किसान अत्यधिक मानसिक तनाव में था। कर्ज लौटाने का कोई रास्ता न देखकर कल उसने सल्फास पीकर अपनी जान दे दी।

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वहीं सूचना मिलने पर पहुंची डायल 100 और पुलिस ने किसान रामपत को गंभीर हालत में अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। इस मामले में बैंक अधिकारियों का पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन वह बैंक में ताला लगाकर चले गए। इस संबंध में कोई भी अधिकारी बयान देने के लिए तैयार नहीं है।

छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा बताया कि बुधवार को एक व्यक्ति की जहर खाने से मौत की सूचना मिली है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि लोन वसूली के लिए बैंक द्वारा मानसिक दबाव बनाया गया, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया है। फिलहाल मामला दर्ज कर जांच पड़ताल की जा रही है।

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