दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले में एक युवक की गलत इंजेक्शन लगने से मौत हो गई। बताया गया कि कुछ दिन पहले युवक को कुत्ते ने काट लिया था। इधर डिंडोरी में ही विभागीय अधिकारी और सप्लायर के बीच गठबंधन कर लाखों रुपये एक्स्ट्रा भुगतान का मामला सामने आया है। जिसके बाद अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं।

इंजेक्शन लगने से हुई उल्टी और मरीज ने तोड़ा दम

सोमवार की शाम ग्राम किसलपुरी निवासी 50 वर्षीय मनी यादव की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इंजेक्शन लगने के बाद उल्टी करने के दौरान मौत हो गई। घटना की जानकारी लगते ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किसलपुरी में ग्रामीणों की भारी भीड़ लग गई। परिजनों का आरोप है कि मनी यादव को गलत इंजेक्शन लगाया गया है, जिसके चलते पहले उल्टी हुई फिर उन्होंने दम तोड़ दिया।

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मिली जानकारी के अनुसार डिंडोरी कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम किसलपुरी निवासी 50 वर्षीय मनी यादव को कुछ दिनों पहले आवारा कुत्ते ने काट लिया था। जिसकी दो डोज़ मनी यादव लगवा चुके थे। वहीं सोमवार की शाम करीब 4.30 बजे मनी जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर रेबीज का तीसरा डोज़ नर्स से लगवाया, वैसे ही मनी को उल्टी होने लगी और देखते ही देखते तबियत बिगड़ने लगी और उसने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। मनी यादव के बेटे का आरोप है कि गलत इंजेक्शन लगाने से उनके पिता की मौत हुई है। परिजन जांच की मांग कर रहे है।

जितना हुआ काम उससे ज्यादा विभाग ने निकाले दाम, मामला गरमाने के बाद जांच शुरू

डिंडोरी के जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत कला पडरिया में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग ने मनरेगा के तहत विभागीय काम लगभग 49 लाख रुपये की लागत से काजवे कम स्टॉप डेम बनाया जाना था। बारिश के बाद यह काम शुरू होना था, लेकिन ग्रामीण का आरोप है कि कार्य स्थल में मटेरियल थोड़ा गिरा पर 8 माह बीतने के बाद भी काम शुरू नहीं हुआ।

मामले में जानकारी जुटाने पर पता चला कि विभाग की एसडीओ गीता आरमो ने किसी सप्लायर से सांठगांठ कर करीब 14 लाख रुपये मटेरियल भुगतान के नाम पर बिल लगाकर आहरित कर लिए, लेकिन काम 8 माह बाद भी शुरू नहीं हुआ।

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जानकारी के अनुसार पडरिया कला में 49 लाख की लागत से खाटी डूब नाला में कार्य स्वीकृत था, लेकिन उसे अन्यत्र स्थल छुलला नदी में कराया जा रहा है। इसमें भी फरवरी 2022 में कार्य शुरू होना था, लेकिन मटेरियल डाल 14 लाख रुपये निकाल लिए गए। हैरत की बात है कि जिस विभाग में अमृत सरोवर में काम किये मटेरियल सप्लायर आज तक भुगतान के लिये रो रहे है, उसी विभाग के अधिकारियों ने अपने चहेते मटेरियल सप्लायर को एडवांस भुगतान कर खासी सुर्खियां बटोरी है।

जब इस पूरे मामले में विभाग के कार्यपालन यंत्री डीएस बघेल से सवाल पूछा गया तो उन्होंने यह तो माना कि जितनी राशि निकाली गई है, उतने का मटेरियल नहीं मिला है। इसके लिए विधिवत नोटिस भी जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि SDO का अंडर ट्रांसफर के पहले मटेरियल गिरवाया जाएगा।

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