कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिला न्यायालय में महिला की हत्या मामले में बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने जांच अधिकारी के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया. कोर्ट में बीते कई सुनवाई के दौरान गवाही से अनुपस्थित रहे अभियोजन साक्षी सब इंस्पेक्टर के लिए कोर्ट ने गैरज़मानती वारंट के साथ ही SP को पत्र भेजने की बात कही है. जारी पत्र में यह सवाल भी किया गया है कि आखिर क्यों ना साक्षी सब इंस्पेक्टर के विरुद्ध IPC की धारा 350 के तहत कार्रवाई की जाए ?

दरअसल 20 फरवरी 2021 को ग्वालियर के साइंस कॉलेज के पास एक महिला की डेड बॉडी मिली थी. जांच के दौरान उसकी पहचान नीलम शाक्य के रूप में हुई. इस मामले में झांसी रोड थाना पुलिस ने जांच के दौरान 21 फरवरी को आईपीसी 302 का मामला दर्ज करते हुए रवि पारदी नाम के आरोपी को भी गिरफ्तार किया था. ग्वालियर कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान सब इंस्पेक्टर संतोष भदौरिया को कई बार गवाही के लिए समन भेजा गया, लेकिन वह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए.

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वहीं दूसरी ओर आरोपी रवि पादरी न्यायालय के निर्देश पर विचाराधीन मामला होने के चलते जेल में है, लेकिन साक्षी सब इंस्पेक्टर संतोष भदौरिया की गवाही नहीं होने के चलते मामले में फाइनल ऑर्डर जारी नहीं हो पा रहा है. लिहाजा आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि वर्तमान में थाना प्रभारी हजीरा संतोष भदौरिया जानबूझकर न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं. इस संबंध में थाना प्रभारी का स्पष्टीकरण लिया जाना जरूरी है.

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ऐसे में क्यों ना उनके विरुद्ध आईपीसी की धारा 350 के तहत कार्रवाई की जाए. जिसकी प्रति पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को भी प्रेषित की जाए. साथ ही साक्षी का गैर जमानती वारंट भी जारी किया जाए. गौरतलब है कि अगली सुनवाई में सब इंस्पेक्टर के अनुपस्थित होने पर उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 350 के तहत कोर्ट के आदेश पर प्रकरण दर्ज किया जा सकता है. ऐसा होने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच किया जाएगा.

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