कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पुलिस प्रशासन ने 30 मिनट में 30 गड्ढे खोदकर श्मशान की जमीन से अतिक्रमण हटाया और सामाजिक सरोकार का उदाहरण पेश किया। आदिवासी एकता महासभा और किसान महासभा द्वारा शमशान को कब्जे से मुक्त कराने को लेकर धरना दिया जा रहा था, इसको लेकर कलेक्टर और एसपी ने तत्काल मामले में एक्शन लेने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद घाटीगांव एसडीओपी और एसडीएम ने मिलकर शमशान की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया।

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घाटीगांव तहसील के सिमरिया गांव मे अमर सिंह बघेल नाम के एक बदमाश ने शमशान की जमीन पर कब्जा किया हुआ था। बदमाश अमर सिंह बघेल ने उस जमीन पर गेहूं की फसल भी उगाई थी। बीते रोज जब गांव के गजुवा सहरिया आदिवासी का जवान बेटा खत्म हुआ था।इस दौरान वह उसे श्मशान लेकर पहुंचा, लेकिन अमर सिंह बघेल ने उसे अपनी निजी जमीन बताकर दाह संस्कार नहीं करने दिया, जिसके खिलाफ घाटीगाँव तहसील पर आदिवासी एकता महासभा और किसान महासभा ने शमशान को कब्जे से मुक्त कराने के लिए मोर्चा खोल दिया। 

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जब इसकी जानकारी ग्वालियर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह को मिली तो उन्होंने एसएसपी राजेश सिंह चंदेल से चर्चा के बाद घाटीगांव एसडीओपी संतोष कुमार पटेल और एसडीएम अनिल बनबारिया को तत्काल मामले में एक्शन लेने के लिए कहा। जिसके बाद एसडीओपी एसडीएम, तहसीलदार पुलिस बल के साथ सिमरिया गांव पहुंचे, जहां शमशान की जमीन पर गेहूं की नरवाई खड़ी थी और शमशान का कोई नामोनिशान नहीं था। एसडीओपी संतोष कुमार पटेल ने तार फेंसिंग के लिए कटीला तार मंगवाया,जिसके बाद SDOP के साथ पुलिस प्रशासन के लोगो ने मिलकर ग्रामीणों की मदद से 30 मिनट में 30 गड्ढे खोदे और श्मशान की जमीन पर कांटेदार तार से तार फेंसिंग की, जिसके चलते शमशान की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। वही तपती धूप में पुलिस प्रशासन के द्वारा खुद अपने हाथों से सब्बल,गेंती चलाने और तार फेंसिंग करने को लेकर आदिवासियों के मन पुलिस प्रशासन के प्रति मन मे विश्वास की भावना पैदा हुई।

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