हेमंत शर्मा, इंदौर। स्वच्छता में लगातार सफाई का 6 बार परचम लहराने वाले इंदौर (Indore) में स्टार्टअप की युवाओं ने एक ऐसी शुरुआत की थी जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने इंदौर के स्टार्टअप को काफी सराहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इंदौर के युवाओं की कई बार तारीफ कर चुके हैं। ऐसा ही इंदौर के दो भाई और एक दोस्त की कहानी है, जिन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर और मैकेनिकल इंजीनियर रहते हुए अपनी पहली सैलरी से 15 हजार रुपए लगाकर स्टार्टर की शुरुआत की थी। इसके साथ ही दिल्ली में भारत सरकार और फ्रांस गवर्नमेंट द्वारा आयोजित किया गया आइडिया चैलेंजिंग कार्यक्रम में हिस्सा लिया और टॉप 30 आईडीएस में शुभम विश्वकर्मा, राहुल विश्वकर्मा दीपेंद्र दुबे का आइडिया सिलेक्ट हुआ। 

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दरअसल तीनों ने मिलकर एक रोबोटिक कार बनाने का आईडिया दिया था, जिससे नगर निगम के कर्मचारियों को चेंबर में उतर कर सफाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस हाईटेक मशीन को कई कैमरे और सेंसर से लैस कर  बनाया गया है। इस मशीन की लागत 36 से 38 लाख रुपए के बीच आना है। आईडिया देने के बाद 20 लाख रुपए का भारत सरकार द्वारा रिवॉर्ड मिला जिससे उन्होंने पहली रोबोटिक कार बनाकर तैयार की और उसे इंदौर नगर निगम के सुपुर्द करने जा रहे हैं। 

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इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव और कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने मशीन की तकनीकी जानकारियां ली इसके साथ ही शुभम ने बताया कि इस मशीन से चेंबर के अंदर के पाइपों को भी आसानी से साफ किया जा सकता है यह मशीन का पाइप सांप की तरह पाइप के अंदर तक पहुंचकर चेंबर की सफाई करता है। पूरा सिस्टम डिस्प्ले पर होता है जिसमें चेंबर के अंदर की स्थिति की जानकारी भी कैमरे के माध्यम से डिस्प्ले होती है। फिलहाल एक मशीन बनाकर तैयार की गई है। अभी 18 मशीन के देश भर से ऑर्डर मिल चुके हैं, जिनको बनाने का काम अब इंदौर के इन तीनों युवाओं ने शुरू कर दिया है। 

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