दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। नर्मदा प्रदूषण के तथ्यात्मक सत्यापन के लिए गुरुवार को एनजीटी की तरफ से गठित जांच टीम डिंडोरी पहुंचा। जांच दल के सदस्यों ने नर्मदा नदी में मिल रहे गंदी नालियों का निरीक्षण किया। उन्होंने लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर जिम्मेदारों को फटकार लगाते हुए नाराजगी जताई है।

दरअसल, डिंडोरी नगर की 8, 9 गंदे नालियों के माध्यम से जल-मल और निस्तार निकासी की गंदगी सीधे मां नर्मदा में प्रवाहित हो रही हैं। जिससे लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। इसे लेकर अधिवक्ता सम्यक जैन, मनन अग्रवाल और धीरज तिवारी ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण में याचिका दायर कर ठोस कदम उठाने की मांग की थी।

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एनजीटी ने मामले की सुनवाई करते हुए नर्मदा प्रदूषण की वर्तमान में स्थिति की तथ्यात्मक सत्यापन करने के लिए सात सदस्यीय टीम गठित कर एक महीने के अंदर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद 17 नवंबर को सत्यापन करने पहुंची जांच टीम ने लंबित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट और एसटीपी यूनिट, सेग्रिगेशन प्लांट, नर्मदा में मिल रही गंदी नालियों का निरीक्षण किया। उन्होंने लगातार बढ़ रही प्रदूषण को लेकर जिम्मेदारों को फटकार लगाते हुए नाराजगी जताई है।

याचिकाकर्ता ने जांच दल को बताया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य 2017 में शुरू किया गया था। जिसके लिए लगभग 32 करोड़ रुपये स्वीकृत भी किया गया था। लेकिन ठेकेदार की मनमानी पूर्वक नगर की सड़कों की खुदाई की गई और अमानक स्तर के पाइपलाइन डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्य नाली जिसमें सभी घरों के जल मल की निकासी होना है, इतने कम साइज की पाइप से आखिर कैसे हजारों घरों की निकासी होगी। उन्होंने कहा कि घरों से मुख्य नाली को जोड़ा नहीं गया है ऐसे में यह योजना औचित्यहीन साबित होगी।

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श्मशान घाट और गंदी नालियों का निरीक्षण, जताई नाराजगी

एनजीटी की तरफ से गठित जांच दल ने सभी गंदी नालियों समेत श्मशान घाट और रहंगी स्थित टरिंचिग ग्राउंड, एमआरएफ, कम्पोस्ट यूनिट का निरीक्षण किया। नर्मदा तट पर स्थित श्मशान के निरीक्षण के दौरान भारी अव्यवस्था को देखते हुए नपा अमले को फटकार लगाते हुए व्यवस्था सुधारने को कहा हैं। वही रहंगी स्थित एमआरएफ और कंपोस्ट यूनिट का निरीक्षण के दौरान अव्यवस्था और शासन के निर्देशों के विपरीत कचरा प्रबंधन किया जाना पाया गया हैं। एक तरफ कचरा संग्रहण के दौरान सूखा और गीला कचरा अलग-अलग संग्रह किया जाता हैं, लेकिन उनका समुचित प्रबंधन नहीं किया जा रहा है, जिसे लेकर नपा को फटकार लगाते हुए व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।

जांच के दौरान ये रहे उपस्थित

एनजीटी की ओर से गठित संयुक्त समिति में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रतिनिधि, शहरी विकास विभाग के मुख्य अभियंता, नर्मदा घाटी प्राधिकरण सदस्य, सीपीसीबी सदस्य, रीजनल ऑफिसर राज्य पीसीबी, मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद डिंडोरी समेत याचिकाकर्ता सम्यक जैन, विधायक ओमकार मरकाम, नपा अध्यक्ष सुनीता सारस, लोक निर्माण सभापति पार्षद रितेश जैन, पार्षद राजेश पाराशर, ज्योतिरादित्य भलावी समेत मौजूद रहे।

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