कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश की सुमावली सीट से कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह (Congress MLA Ajab Singh Kushwaha) पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार फिलहाल कुछ दिनों के लिए टल गई है। इसी के साथ ही उनकी विधायकी जाने का खतरा भी अभी टला गया है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जमीन फर्जीवाड़े के मामले में ग्वालियर की विशेष अदालत (एमपी-एमएलए कोर्ट) के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है, लेकिन अजब सिंह कुशवाहा की पत्नी को हाईकोर्ट से किसी तरह की राहत नहीं मिली है। विधायक की पत्नी को जेल जाना ही होगा।

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सरकारी ज़मीन बेचने का मामला

अधिवक्ता शशांक शेखर ने बताया कि जस्टिस संजय यादव की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद निचली अदालत के फ़ैसले पर रोक लगा दी है। शशांक शेखर ने कोर्ट में तर्क दिया कि, जिस ज़मीन के फर्जीवाडे में विधायक अजब सिंह कुशवाहा को घसीटा जा रहा है, उस जमीन में उनकी कोई भी भूमिका नहीं थी। कथित जमीन विधायक की पत्नी शीला कुशवाहा के नाम पर थी। सेल डीड की गवाही में भी विधायक का नाम नहीं था। शशांक शेखर ने तर्क रखा कि एमपीएमएलए कोर्ट द्वारा विधायक को दो साल की सजा से उन्हें अपूरणीय क्षति हो सकती है, यही नहीं उनकी विधानसभा की सदस्यता भी जा सकती है, लिहाजा पिछले आदेश पर रोक लगाई जाए। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों के तर्क सुनने के बाद आगामी आदेश तक विधायक अजब सिंह कुशवाहा की सजा पर रोक लगा दी है, लेकिन कोर्ट ने उनकी पत्नी शीला कुशवाहा को मामले में कोई राहत नहीं दी है।

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उपचुनाव के बाद उलझन हुई शुरू

दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायक ऐदल सिंह कंसाना के बीजेपी में शामिल होने के बाद नवंबर 2020 में सुमावली में उपचुनाव हुआ था। इसमें कांग्रेस के उम्मीदवार अजब सिंह कुशवाह ने बीजेपी के ऐदल सिंह कंसाना को हराकर विधायक चुने गए। विधायक बनने के बाद अजब सिंह कुशवाह विधायक तो बन गए, लेकिन कानूनी दांव पेंच में उलझ गए। अजब सिंह पर 75 लाख रुपए में सरकारी जमीन बेचने के आरोप लगे हैं। इस मामले में उनके खिलाफ ग्वालियर के महाराजपुरा थाने में धोखाधड़ी की शिकायत भी दर्ज हुई है।

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