कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में मेडिकल छात्रों ने यूनिवर्सिटी का घेराव कर दिया। प्रदेशभर से छात्र-छात्राएं परीक्षा नहीं होने का विरोध कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में नारेबाजी करते हुए जमकर प्रदर्शन किया है। नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स का कहना है कि तीन साल बाद भी पहले साल की परीक्षा आज तक नहीं हुई।

इससे प्रदेशभर के करीब 50 हजार नर्सिंग पैरामेडिकल आयुर्वेद के छात्रों का भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है। स्टूडेंट्स ने प्रदर्शन करते हुए परीक्षा के टाइम टेबल घोषित करने की मांग की है। साथ ही परीक्षा परिणामों में हो रही धांधली रोकने की भी मांग की है। इसके अलावा कार्यपरिषद अमान्य करने, अपलोड रिजल्ट को website से हटाने, गीली कॉपी की जांच, परीक्षा परिणाम की बार-बार बदलने, महाविद्यालय विशेष के परिणाम जारी करने की मांग की है।

दरअसल, प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद शासन ने बड़ी संख्या में नर्सिंग कॉलेजों की संबद्धता समाप्त की है। इस बीच जबलपुर आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने बीएससी नर्सिंग सेकंड ईयर की परीक्षा को लेकर 19 सितंबर 2022 को अधिसूचना जारी करते हुए टाइम टेबल जारी किया था। जिसके चलते आयोजित हो रही परीक्षाओं में बड़ी संख्या में ऐसे नर्सिंग कॉलेज जिनकी संबद्धता समाप्त हो चुकी थी और उनमें पढ़ने वाले वह छात्र जिनका नामांकन नहीं हुआ था। उन सभी को परीक्षा में शामिल किया गया।

इस फर्जीवाड़े को लेकर ग्वालियर की हाईकोर्ट बेंच में एक जनहित याचिका दायर करते हुए रोक लगाने के साथ जांच की मांग की थी। न्यायालय ने सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश जारी करते हुए बीएससी नर्सिंग सेकंड ईयर की परीक्षा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया। साथ ही आयोजित हो चुके दो पेपर में शामिल हुए सभी परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं को सील्ड करने के भी निर्देश दिए है। वहीं आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को 4 जनवरी को हाईकोर्ट में दस्तावेजों के साथ तलब किया है।

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