कुमार इंदर, जबलपुर। समलैंगिक विवाह (Same-sex marriage) को लेकर देश भर में बड़ी बहस छिड़ी हुई है। इसका पुरजोर विरोध भी किया जा रहा है। विरोध करने वालों को अब संत समाज का समर्थन मिला है। संतों ने इस पर आपत्ति जताई है। साथ ही राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।

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दरअसल, जबलपुर में जगद्गुरु राघव देवाचार्य महाराज (Jagadguru Raghav Devacharya Maharaj) ने समलैंगिक विवाह पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पश्चिमी सभ्यता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समलैंगिक विवाह नहीं रुका तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। सनातम संस्कृति में इसकी इजाजत नहीं है। जगद्गुरु ने कहा कि पशुओं में भी इस तरह की परम्परा नहीं है।

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बता दें कि समलैंगिकों द्वारा दाखिल याचिकाओं में स्पेशल मैरिज एक्ट, फॉरेन मैरिज एक्ट समेत शादी से जुड़े कई कानूनी प्रावधानों को चुनौती देते हुए समलैंगिकों को विवाह की अनुमति देने की मांग की गई है। समलैंगिक विवाह (Same-sex marriage) को लेकर देश की सुप्रीम अदालत में सुनवाई चल रही है। फैसले से पहले देश भर में इसका विरोध शुरू हो गया है। केंद्र भी समलैंगिक विवाह के पक्ष में नहीं है।

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संत समाज

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