कपिल मिश्रा,शिवपुरी। शहर के एक निजी अस्पताल प्रबंधन का अमानवीय चेहरा सामने आया है. अस्पताल प्रबंधन के स्टाफ ने कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद बिना पीपीई किट पहनाएं शव को घर में ही छोड़ दिया. शव रात भर घर के आंगन में पड़ा रहा . इस दौरान कोरोना संक्रमण रोकने जारी गाइडलाइन का अस्पताल प्रबंधन ने पालन नहीं किया. इससे गांव में भी संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ गया है. नियमत: पीपीई किट पहनाकर कोरोना संक्रमित शव का अंतिम संस्कार किया जाता है.

बता दें कि मृतक महिला नीलू चौहान को 10 दिन पहले कोरोना संक्रमण का इलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां तबीयत ज्यादा खराब होने पर एक निजी अस्पताल प्रबंधन ने उसे देर रात मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. मेडिकल कॉलेज पहुंचने के पहले ही कोरोना संक्रमित महिला नीलू ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. महिला की मौत के बाद निजी अस्पताल की एंबुलेंस महिला के शव को मेडिकल कॉलेज और अपने निजी अस्पताल में न ले जाकर शव को देर रात महिला के घर पर ही छोड़कर चली गई. संक्रमित महिला का शव खुला ही घर के आंगन में पड़ा रहा. पड़ोसियों ने किसी तरह बच्चों को संभाला.

पति की दो साल पहले मौत
महिला का मुहंबोला भाई भैयन खान ने बताया कि मृतक महिला के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं. पति की 2 वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है रातभर बच्चे अपनी मां के शव के पास बिलखते रहे.

ऐसे में संक्रमण कैसे रुकेगा
निजी अस्पताल प्रबंधन की इस हरकत से कोरोना संक्रमण रोकने के उपाय और सावधानी के तरीकों पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया है. जिसके ऊपर संक्रमण रोकने और उपचार की जिम्मेदारी है वही इस तरह की लापरवाही करेगा तो संक्रमण कैसे रुकेगा. यह अपने आप में बड़ा सवाल है.

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