कुमार इंदर, जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। समाज सेवी नंदलाल सिंह और रंजिता राव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।

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याचिकाकर्ता रंजिता के पति की सिटी अस्पताल में मौत हुई थी। याचिका में याचिकाकर्ता ने दलील दी कि पुलिस ने सिटी हॉस्पिटल संचालक सरबजीत सिंह मोखा की रिमांड नहीं मांगी। इतने बड़े नेक्सेस पर जांच में पुलिस ढिलाई बरत रही है।

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आपको बता दें सिटी हॉस्पिटल में कोरोना के मरीजों का इलाज होता था। हॉस्पिटल के मालिक सरबजीत सिंह मोखा ने ग्लूकोज और नमक से बने नकली 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन को अपने अस्पताल में खपाया था। मामले में पुलिस ने सरबजीत सिंह मोखा को गिरफ्तार किया है। जिला दंडाधिकारी ने मोखा के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की है।

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गौरतलब है कि गुजरात के एक गांव में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाए जाने की फैक्ट्री पकड़ाई थी। फैक्ट्री में ग्लूकोज और नमक को रेमडेशिविर की शीशी में भरकर महंगे दामों में बेचा जा रहा था। आरोपियों ने देश भर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत का फायदा उठाया और इस नकली रेमडेसिविर के इंजेक्शन को मध्यप्रदेश सहित देश भर के अन्य राज्यों में ब्लैक में बेचा गया। गुजरात पुलिस ने मामले में जबलपुर और इंदौर से कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी की। जबलपुर से गिरफ्तार संदीप जैन नाम के आरोपी से पूछताछ में सरबजीत सिंह मोखा का नाम सामने आया था।

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